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कावेरी के पानी से लगी दो राज्यों में आग

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बेंगलुरू , मंगलवार, 13 सितम्बर 2016 (14:18 IST)
बेंगलुरू। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पुलिस ने कावेरी नदी जल विवाद के मुद्दे को लेकर तमिलनाडु के रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहनों और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया। सोमवार की हिंसा के बाद देश की इन्फोटेक राजधानी बेंगलुरू में मंगलवार को भी अराजकता की हालत है। शहर में रैपिड एक्शन फोर्स और कर्नाटक पुलिस की तैनाती के बाद भी स्वयंभू संगठनों से जुड़े अराजक कार्यकर्ताओं ने 'जय कर्नाटक' नामक संगठन के बैनर तले आगजनी, हिंसा और लूट की वारदातों को जन्म दिया।  
 
एक पूर्व माफिया डॉन मुथप्पा राय द्वारा स्थापित इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने हिंसा,लूटपाट और आगजनी की है लेकिन संगठन का कहना है कि पुलिस के ये आरोप बेबुनियाद हैं। एक दूसरे और बड़े तथा प्रभावशाली संगठन कर्नाटक रक्षण वैदिके ने भी हिंसा की है लेकिन इसके नेता टी आर नारायण गौड़ा का कहना है कि उनके संगठन ने हिंसा नहीं की है, केवल विरोध प्रदर्शन किया है।  
 
बेंगलुरु में कावेरी नदी जल विवाद के मुद्दे को लेकर तमिलनाडु के रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहनों और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। यहां मैसूर रोड पर एक बस स्टेशन पर हमलाकर तमिलनाडु के रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहनों को निशाना बनाया तथा एक तमिल होटल में भी तोडफ़ोड़ की। राज्य पुलिस के डीजीपी ओमप्रकाश का कहना है कि समूचे बैंगलुरू में धारा 144 लगा दी गई है और पुलिस इस बात का पता लगाने में लगी है कि भीड़ को लेकर आगजनी, लूट और तोड़फोड़ करने वाले लोग कौन हैं। 
 
श्रीरामपुरा, ओकालीपुरम, कलासीपाल्या और प्रकाशनगर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। शहर के तमिल बहुल इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि उपद्रवी तत्वों ने तमिलनाडु के रजिस्ट्रेशन वाली 55 से अधिक बसों को आग के हवाले कर दिया। एक दर्जन से ज्यादा ट्रकों को भी जला दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने यहां पर आदयार आनंद भवन होटल की शाखाओं मे तोडफ़ोड़ की जिसके बाद पुलिस को मजबूरन आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। 
 
मांड्या जिले में दूध लेकर जा रहे तमिलनाडु की एक बस को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया वहीं पांडवपुरा में छह दुकानों पर भी हमले किए गए। मैसूर में एक ट्रक और एक कार को जला दिया गया। हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर ज्यादातर दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी। स्कूल कॉलेज भी बंद रहे और छात्रों को वापस घर लौटा दिया गया। पीनया औद्योगिक क्षेत्र में कन्नड़ प्रदर्शनकारियों ने तमिल लोगों के होटल और फैक्ट्रियों को बंद करा दिया। इस दौरान करीब 10 फैक्ट्रियां बंद रही। 
 
वहीं, तमिलनाडु में भी कावेरी जल मुद्दे को लेकर हालात असामान्य रहे। चेन्नई में तड़के कुछ अज्ञात लोगों ने कर्नाटक मूल के एक व्यक्ति के होटल पर पेट्रोल बम फेंके और पत्थरबाजी की। इस घटना के पीछे शामिल लोगों की तलाश की जा रही है। यहां के रामेश्वरम, नगापट्टीनम और रामनाथपुरम जिलों में भी कर्नाटक के वाहनों को निशाना बनाया गया। 
 
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तमिलनाडु में राज्य के व्यापारियों और वाहनों को निशाना बनाए जाने की निंदा की है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने भी सिद्धारमैया को लिखकर मांग की कि कर्नाटक सरकार तमिलभाषी लोगों और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। जेडीएस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि हिंसा के पीछे षड़यंत्र करने वाले तत्व हैं और उन्होंने लोगों से हिंसा न करने की अपील की।   


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