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व्यापमं मामले में पूर्व मंत्री, ओएसडी, 93 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर

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, मंगलवार, 16 जनवरी 2018 (22:31 IST)
नई दिल्ली। सीबीआई ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के जरिए 2011 में संविदा शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के मामले में मंगलवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी और 93 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
 
 
अधिकारियों के मुताबिक, भोपाल की एक विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र में शर्मा और उनके तत्कालीन ओएसडी ओपी शुक्ला के अलावा व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, व्यापमं में तत्कालीन प्रधान सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा, दो अन्य अधिकारियों, छह बिचौलियों और 83 अभ्यर्थियों के नाम हैं।
 
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने यहां कहा कि उक्त सभी पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी, आईटी कानून का उल्लंघन के आरोपों के तहत और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत एजेंसी ने मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 2015 में मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
 
 
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान एजेंसी ने महिंद्रा के कंप्यूटरों और ओएमआर उत्तर-पुस्तिकाओं का भी निरीक्षण किया, जिनसे पता चला कि संविदा शिक्षकों की भर्ती परीक्षा के माध्यम से चयन के लिए 84 अभ्यर्थियों के अंक कथित तौर पर बढ़ाए गए।
 
सीबीआई के अनुसार, एक लाभार्थी उम्मीदवार फरार है और उसके खिलाफ जांच लंबित होने की वजह से आरोप पत्र में उसका नाम नहीं है। एजेंसी का आरोप है कि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों को शर्मा के कहने पर फायदा पहुंचाया गया। शर्मा ने त्रिवेदी को इन अभ्यर्थियों का परिणाम बदलने के लिए इनके रोल नंबर दिए थे।
 
सीबीआई ने आरोप लगाया कि शर्मा, शुक्ला और त्रिवेदी रोल नंबर और फॉर्म नंबर आदि का ब्योरा एकत्रित करने में सीधे तौर पर शामिल थे। एजेंसी का आरोप है कि परिणाम तैयार होने के बाद महिंद्रा ने परिणाम वाली फाइल से इन 84 अभ्यर्थियों के अंक हटा दिए और उसकी जगह बढ़े हुए अंक अंकित कर दिए, जिससे ये उम्मीदवार चयनित हो जाएं।
 
सीबीआई को पता चला कि महिंद्रा परीक्षा के दौरान इन अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई ओएमआर उत्तर-पुस्तिकाओं में बदलाव नहीं कर सका। एजेंसी को ओएमआर शीट का निरीक्षण करते हुए परिणाम में बदलाव की बात पता चली। ओएमआर उत्तर-पुस्तिकाओं से पता चला कि अभ्यर्थियों ने परीक्षा में जो अंक प्राप्त किए थे, वे व्यापमं के माध्यम से घोषित अंतिम परिणामों की तुलना में कम थे।
 
 
सीबीआई ने यह आरोप भी लगाया कि शर्मा ने त्रिवेदी की नियुक्ति परीक्षा नियंत्रक के तौर पर कराई, जबकि पद के लिए चुने गए तीन उम्मीदवारों में उनका नाम नहीं था। एजेंसी का आरोप है कि तत्कालीन मंत्री शर्मा ने व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति की उचित प्रक्रिया का कथित तौर पर उल्लंघन किया।
 
इसके ऐवज में त्रिवेदी ने शर्मा के बताये कुछ अभ्यर्थियों का अवैध तरीके से चयन कराया। सीबीआई ने घोटाले के सिलसिले में 154 नियमित मामले दर्ज किए हैं और 90 से अधिक मामलों में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है। (भाषा)

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