नई दिल्ली, कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई की संचालन समिति से इस्तीफा देने के बाद आनंद शर्मा रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने पार्टी को अपना पूरा जीवन दिया, इसके बावजूद मुझे अपमानित किया गया, नीचा दिखाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं, मैंने पार्टी को अपना पूरा जीवन दिया।
कांग्रेस के जी-23 समूह के सभी नेताओं के साथ हो रहे व्यवहार के बारे में बोलते हुए, जिन्होंने 2 साल पहले पार्टी में बड़े संगठनात्मक परिवर्तन की मांग करते हुए सोनिया गांधी को एक विस्फोटक पत्र लिखा था, आनंद शर्मा ने कहा- हम इस कांग्रेस के निर्माता हैं। हम पार्टी के सह-मालिक हैं, किरायेदार या गुलाम नहीं हैं… जब हम पार्टी हित से जुड़े कुछ मुद्दे उठाते हैं, तो हमारी निंदा क्यों की जा रही है? इस साल मई में आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद दोनों को कांग्रेस ने राज्यसभा नहीं भेजा था। पार्टी में कई लोगों ने इस कदम का जोरदार विरोध किया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी छोड़ने की योजना है? आनंद शर्मा ने कहा, 'कभी नहीं. मैं इसे बिल्कुल स्पष्ट कर रहा हूं. कांग्रेस में ऐसा कोई नहीं है जो गुलाम नबी आजाद, मुझसे और कुछ अन्य लोगों से सवाल कर सके, जिन्होंने पार्टी को अपना पूरा जीवन दे दिया. साजिश रचने वाले और अनिधिकृत लोग हमारे बारे में इस तरह की बेतुकी टिप्पणियां नहीं कर सकते'
एनडीटीवी से बात करते हुए आनंद शर्मा ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं अकेला हूं… हम सभी के जीवन चुनौतियां हैं। मैं कई सालों से ऐसी चुनौतियों का सामना कर रहा हूं, मैं राजनीति छोड़ सकता था। मेरा बेटा ऑटिस्टिक है… मैंने अपना प्रोफेशन छोड़ दिया, मैंने अपना पूरा जीवन दे दिया। मुझे बदनाम करने की जरूरत नहीं है। मैं बहुत आहत और अपमानित महसूस कर रहा हूं। मुझे इसका दुख है यह कहते हुए आनंद शर्मा की आवाज टूट रही थी, वह किसी तरह अपने आंसुओं को रोक पा रहे थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी छोड़ने की योजना है? आनंद शर्मा ने कहा, कभी नहीं। मैं इसे बिल्कुल स्पष्ट कर रहा हूं। कांग्रेस में ऐसा कोई नहीं है जो गुलाम नबी आजाद, मुझसे और कुछ अन्य लोगों से सवाल कर सके, जिन्होंने पार्टी को अपना पूरा जीवन दे दिया
उन्होंने कहा, यह क्या अफवाह फैलाई जा रही है। आंतरिक सुधारों और सामूहिक निर्णय लेने वाले नेतृत्व के लिए पार्टी में मुद्दों को उठाना, क्या यह अपराध है? यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की परंपरा और इतिहास रहा है। साजिश रचने वाले और अनिधिकृत लोग हमारे बारे में इस तरह की बेतुकी टिप्पणियां नहीं कर सकते