Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्या दिल्ली में वाकई 52 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ तापमान? IMD ने बताई सचाई

Advertiesment
हमें फॉलो करें Weather in Delhi

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 29 मई 2024 (23:07 IST)
Weather Update : दिल्ली में बुधवार को गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और यहां मुंगेशपुर इलाके में अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह राष्ट्रीय राजधानी में अब तक दर्ज किया गया सर्वाधिक तापमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि वह किसी भी संभावित त्रुटि के लिए क्षेत्र के मौसम विज्ञान केंद्र के सेंसर और आंकड़ों की जांच कर रहा है। 
 
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। दिल्ली में 52.3 डिग्री सेल्सियस तापमान बहुत कम होने की संभावना है। आईएमडी में हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को समाचार रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए कहा गया है। आधिकारिक स्थिति जल्द ही बताई जाएगी।   
 
राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर भारत के कई हिस्से पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में हैं। यहां कम से कम तीन मौसम केंद्रों (मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़) ने मंगलवार को भी लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया। दिल्ली के प्राथमिक मौसम विज्ञान केंद्र सफदरजंग वेधशाला में बुधवार को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 79 वर्षों में सबसे अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
 
मुंगेशपुर में 52.9 डिग्री सेल्सियस तापमान : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार 17 जून, 1945 में दिल्ली का अधिकतम तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आईएमडी ने एक बयान में कहा, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिकतम तापमान शहर के अलग-अलग हिस्सों में 45.2 डिग्री सेल्सियस से लेकर 49.1 डिग्री सेल्सियस तक रहा। मुंगेशपुर में अन्य मौसम विज्ञान केंद्रों की तुलना में 52.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। यह सेंसर में त्रुटि या स्थानीय कारक के कारण हो सकता है। आईएमडी आंकड़ों और सेंसर की जांच कर रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, शहर के अन्य इलाकों में भी गर्मी रही और नजफगढ़ में अधिकतम तापमान 49.1 डिग्री सेल्सियस, पूसा में 49 डिग्री सेल्सियस और नरेला में 48.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान से शहर में गर्म हवाएं चलने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में तापमान बढ़ गया।
 
बूंदाबादी से मिली राहत : दिल्ली में बुधवार शाम अचानक मौसम में बदलाव आया और आसमान में बादल छा गए तथा कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी भी हुई जिससे दिल्लीवासियों को कुछ राहत मिली। हालांकि इससे आर्द्रता का स्तर बढ़ सकता है, जिससे लोगों की बेचैनी बढ़ सकती है, क्योंकि पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में भी लू और गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा।
कुछ स्थानों पर लू चलने की आशंका : आईएमडी के अनुसार, दिन के दौरान दिल्ली की सापेक्ष आर्द्रता 43 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के बीच रही। मई के अंतिम दिनों में शहर में तापमान में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। आईएमडी ने गुरुवार के लिए आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और कुछ स्थानों पर लू चलने की आशंका जताई है। साथ ही गरज और धूलभरी आंधी के साथ हल्की बारिश और बूंदाबांदी के साथ 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने का भी अनुमान जताया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी के मद्देनजर बुधवार को निर्माण स्थलों पर कार्यरत मजदूरों को दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक वेतन सहित अवकाश देने तथा नारियल पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से संवेदनशीलता की कमी पर चिंता जताई।
 
भीषण गर्मी की चुनौती से निपटने की तैयारी कर रही थी सरकार : स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार गर्मी को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय के सक्रिय होने से पहले ही भीषण गर्मी की चुनौती से निपटने की तैयारी कर रही थी और उन्होंने सक्सेना से नकारात्मकता छोड़ने का आग्रह किया। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि भीषण गर्मी को देखते हुए बस स्टैंड पर पानी के घड़े रखवाएं जाएं।
इस मुद्दे पर उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संबंधित मंत्रियों की ‘संवेदनहीनता’ और ‘गंभीरता की कमी’ का भी आरोप लगाया और कहा कि अभूतपूर्व भीषण गर्मी की स्थिति के बावजूद मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इन निर्देशों को सरकारी विनिर्माण एजेंसियों और निजी प्रतिष्ठानों समेत पूरी दिल्ली में विनिर्माण स्थलों पर लागू किया जाएगा।
 
मजदूरों के लिए 3 घंटे का अवकाश 20 मई से ही लागू कर दिया : उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने मजदूरों के लिए तीन घंटे का अवकाश 20 मई से ही लागू कर दिया है और जब तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ जाता तब तक यह व्यवस्था सभी स्थलों पर जारी रहेगी। वहीं दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि नल में पाइप लगाकर वाहन धोने, निर्माण और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए घरेलू जल आपूर्ति के इस्तेमाल पर 2000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी का सामना कर रही है। शहर के कुछ हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। जल मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को 200 टीम तैनात करने का निर्देश दिया है ताकि पानी की बर्बादी रोकने के लिए पाइप से कार धोने, पानी की टंकियों से पानी बहते रहने और निर्माण एवं वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए घरेलू जल आपूर्ति का इस्तेमाल करने जैसी गतिविधियों को रोका जा सके।
 
बिजली की अधिकतम मांग ने 8300 मेगावाट का आंकड़ा पार किया : इस बीच, चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की अधिकतम मांग बुधवार को अपने अब तक के उच्चतम स्तर 8,302 मेगावाट पर पहुंच गई। बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली के इतिहास में पहली बार बिजली की अधिकतम मांग ने 8,300 मेगावाट का आंकड़ा पार किया है। बिजली वितरण कंपनियों ने इस साल की गर्मियों में अधिकतम मांग का आंकड़ा 8,200 मेगावाट तक रहने का अनुमान लगाया था।
 
वास्तविक समय पर बिजली खपत संबंधी ब्योरा दर्ज करने वाले स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी), दिल्ली के मुताबिक, शहर में बिजली की अधिक मांग दोपहर तीन बजकर 36 मिनट पर 8,302 मेगावाट रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने लगातार बढ़ रहे तापमान का कारण बताते हुए कहा कि दिल्ली के बाहरी इलाके राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं की चपेट में आने वाले पहले क्षेत्र हैं।
 
कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, दिल्ली के कुछ हिस्से इन गर्म हवाओं के जल्दी आने से खासतौर पर प्रभावित होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पहले से ही खराब मौसम और भी खराब हो जाता है। मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ जैसे इलाके इन गर्म हवाओं का सबसे पहले असर महसूस करते हैं।
निजी मौसम विज्ञान एजेंसी 'स्काईमेट वेदर' के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, खाली पड़ी जमीन वाले खुले इलाकों में विकिरण अधिक होता है। सीधी धूप और छाया की कमी के कारण ये इलाके बेहद गर्म हो जाते हैं। जब पश्चिम से हवा चलती है तो सबसे पहले इन इलाकों पर उसका असर पड़ता है। चूंकि ये क्षेत्र दिल्ली के बाहरी इलाकों में हैं, इसलिए यहां तापमान तेजी से बढ़ता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

UP : महिला सिपाही ने थानेदार की आंखों में झोंकी मिर्ची, डंडे से की पिटाई