नई दिल्ली। देश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं। मार्च में गर्मी ने 122 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इससे पहले 1901 इससे पहले मार्च इतना तपा था। बहरहाल लोगों की असली परीक्षा तो अप्रैल में होगी। फिलहाल देश के कई राज्यों में गर्मी से हाल बेहाल है।
दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया।
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 2 से 4 दिनों में जम्मू, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गर्म हवाएं चलने का अनुमान है।
विभाग के अनुसार दो से चार अप्रैल तक अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भारी से बहुत भारी बारिश और मेघालय में अगले दो दिनों में अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है।
क्या होती है लू : आईएमडी के अनुसार जब अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक होता है तो उसे हीटवेव के रूप में परिभाषित किया जाता है। एक हीटवेव में ऐसी स्थितियां भी शामिल होती हैं जब अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है। अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री अधिक होने पर 'गंभीर' हीटवेव घोषित की जाती है।
क्यों बढ़ रही है असामान्य गर्मी : मौसम विभाग ने इस असामान्य गर्मी के लिए उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण भारत में किसी भी व्यापक तंत्र के नहीं बनने के कारण वर्षा की कमी को जिम्मेदार ठहराया। पूरे देश में 8.9 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा दर्ज की गई, जो कि इसकी लंबी अवधि की औसत वर्षा 30.4 मिमी से 71 प्रतिशत कम थी। वर्ष 1909 में 7.2 मिमी और 1908 में 8.7 मिमी के बाद 1901 से मार्च में तीसरी बार सबसे कम वर्षा हुई।
देशभर में इस साल मार्च में औसत न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस था, जो 1953 में 20.26 डिग्री सेल्सियस और 2010 में 20.25 डिग्री सेल्सियस के बाद 122 वर्षों में तीसरा सबसे अधिक तापमान था।