नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बाद कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में 792 गांव शनिवार को बाढ़ से प्रभावित रहे। ओडिशा में महानदी का जल स्तर बढ़ने के कारण शनिवार को कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। छत्तीसगढ़ में इसके ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। इसके साथ ही हीराकुंड बांध के 44 जलद्वार खोल दिए गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगस्त के महीने में पिछले 44 साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई है जहां देश के अनेक हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है। आईएमडी ने मध्य प्रदेश के अनेक हिस्सों में और भी ज्यादा भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाते हुए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली में यमुना शनिवार सुबह भी खतरे के निशान के करीब बहती रही, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि जल स्तर के घटने की संभावना है।
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा, पुराने रेल पुल पर सुबह 10 बजे जल स्तर 204.23 मीटर था। शुक्रवार को शाम 5 बजे यह 204.41 मीटर और गुरुवार सुबह 10 बजे 203.77 मीटर था। हरियाणा के यमुनानगर जिले के हथनीकुंड बैराज से सुबह 8 बजे 7,173 क्यूसेक की दर से यमुना में पानी छोड़ा जा रहा था। शुक्रवार को शाम 4 बजे प्रवाह दर 13,871 क्यूसेक थी, जो पिछले 24 घंटों में अधिकतम थी।
अधिकारी ने कहा, पिछले दो दिनों में प्रवाह दर 10,000 क्यूसेक से 25,000 क्यूसेक के बीच बनी हुई है, जो बहुत अधिक नहीं है। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है। बैराज से छोड़े गए पानी को आमतौर पर राजधानी तक पहुंचने में दो-तीन दिन लगते हैं। इसी बैराज से दिल्ली को पीने का पानी प्रदान किया जाता है।
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बारिश के कारण शुक्रवार को जल स्तर बढ़ गया। पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखने के लिए दो गोताखोरों के साथ 24 नौकाएं तैनात की हैं। पिछले दो दिन से जारी मूसलधार बारिश के कारण होशंगाबाद सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आ गई है। स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को बचाने के लिए शनिवार को सेना और एनडीआरएफ को उतारा गया। अधिकारियों ने बताया कि सीहोर और छिंदवाड़ा जिलों में भारी बारिश हो रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को लगभग डेढ़ घंटे तक नर्मदा नदी के तट पर बसे होशंगाबाद तथा सीहोर जिलों के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। आईएमडी ने बताया कि होशंगाबाद में शनिवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे में 208 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसी अवधि में होशंगाबाद जिले में प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल पचमढ़ी और छिंदवाड़ा में क्रमश: 228 मिमी और 142 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
विशेषकर होशंगाबाद और सीहोर जिलों में बाढ़ के कारण कई लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। होशंगाबाद के संभागायुक्त रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सेना से मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दल पहले ही होशंगाबाद जिला प्रशासन की सहायता के लिए पहुंच गए हैं और राहत कार्य शुरु कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश के बाद होशंगाबाद में नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के प्राथमिक स्तर 964 मीटर को पार कर 978 मीटर से अधिक हो गया है। ओडिशा में संबलपुर के पास महानदी पर बने हीराकुंड बांध के 64 जलद्वारों में से 44 को अधिकारियों ने जलाशय से अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए खोल दिया है। हीराकुंड बांध की निगरानी का काम संभालने वाले अधिकारियों ने कहा, बांध के 40 जलद्वार शुक्रवार को खोले गए, वहीं जलाशय में पानी के भारी प्रवाह के बाद शनिवार सुबह चार और द्वार खोल दिए गए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हीराकुंड बांध का जल स्तर बढ़कर 626.65 फुट हो गया है, जबकि जलाशय का उच्चतम स्तर 630 फुट है। उन्होंने कहा, जल का भारी प्रवाह और जल स्तर में वृद्धि के कारण जलाशय से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है।
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ज्योतिर्मय रथ ने कहा कि गुरुवार को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में महानदी के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद, 8.99 लाख क्यूसेक से अधिक पानी अब हीराकुंड बांध में प्रवेश कर रहा है, जबकि 7.28 लाख क्यूसेक पानी बांध के 44 जलद्वारों के माध्यम से निकाला जा रहा है।
ओडिशा की सबसे बड़ी नदी मानी जाने वाली महानदी के बेसिन क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है क्योंकि नदी का जल स्तर बढ़कर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। रथ ने कहा कि महानदी नदी में बाढ़ आने से पुरी, खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर, नयागढ़ और केंद्रपाड़ा के कुछ हिस्से सहित कई तटीय जिलों के प्रभावित होने की आशंका है।
छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है और इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बारिश प्रभावित लोगों तक तत्काल राहत मुहैया कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने शुक्रवार शाम अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में अतिवृष्टि, नदी-नालों के उफान तथा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को अतिवृष्टि तथा बाढ़ की वजह से लोगों की जान की सुरक्षा के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय से शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार राज्य में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है और 16 जिलों के 792 गांव बाढ़ प्रभावित है। इनमें से 437 गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर गए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में आंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, शाहजहांपुर और सीतापुर शामिल हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगस्त के महीने में पिछले 44 साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई है जहां देश के अनेक हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है। आईएमडी के अनुसार अगस्त महीने में 28 तारीख तक 25 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इससे पहले 1983 में अगस्त महीने में सामान्य से 23.8 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी।
देश में अब तक कुल मिलाकर सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात और गोवा में अधिक बारिश दर्ज की गई है, वहीं सिक्किम में अत्यधिक वर्षा हुई है। कई राज्यों में नदियों में उफान के साथ बाढ़ के हालात हैं।(भाषा)