नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि सोशल मीडिया और ओटीटी मंचों पर सामग्री को विनियमित करने के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करने पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया मंचों पर अश्लील भाषा के इस्तेमाल को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे मंच कम उम्र के बच्चों के लिए भी खुले हैं।
टीवीएफ की वेब सीरीज कॉलेज रोमांस में इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर कड़ी फटकार लगाते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि अभद्र भाषा के रूप में अश्लीलता का इस्तेमाल महिलाओं को कमतर दिखाता है, इसलिए वे खुद को पीड़ित महसूस कर सकती हैं।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने 41 पन्ने के अपने फैसले में कहा कि इस अदालत की राय है कि सार्वजनिक तौर पर और सोशल मीडिया मंचों में अभद्र भाषा को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि ऐसे मंच कम उम्र के बच्चों के लिए खुले हैं।
अदालत ने कहा कि एक विशेष सीमा पार करने पर सोशल मीडिया मंचों में अश्लील शब्दों और गलत भाषा के उपयोग को नियंत्रित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह शीघ्र प्रभावित होने वाले दिमागों (छोटे बच्चों) के लिए एक वास्तविक खतरा हो सकता है और इसे अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता के तहत संवैधानिक संरक्षण नहीं दिया जा सकता।
उच्च न्यायालय का यह फैसला अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) के उस आदेश को बरकरार रखते हुए आया, जिसमें दिल्ली पुलिस को टीवीएफ, शो के निर्देशक सिमरप्रीत सिंह और अभिनेत्री अपूर्वा अरोड़ा के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया था। (भाषा)