What did CJI DY Chandrachud say on fake news? प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) ने शुक्रवार को कहा कि फर्जी खबरों के प्रसार से सच्ची जानकारी दब जाती है और गलत सूचना में लोकतांत्रिक चर्चा को कमजोर करने की ताकत होती है।
'डिजिटल युग में नागरिक स्वतंत्रता को कायम रखना: निजता, निगरानी और स्वतंत्र अभिव्यक्ति' विषय पर 14वें न्यायमूर्ति वीएम तारकुंडे स्मृति व्याख्यान में सीजेआई ने कहा कि फर्जी खबरों का लक्ष्य समाज के मूलभूत तत्वों अर्थात् सत्य की स्थिरता को नष्ट करना है।
सीजेआई ने कहा कि प्रसार के पैमाने के आधार पर फर्जी खबरें सच्ची जानकारी को खत्म कर देती हैं जिससे विमर्श का चरित्र सच्चाई की जगह सबसे तेज आवाज से दब जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए दुष्प्रचार में लोकतांत्रिक चर्चा को हमेशा के लिए खराब करने की शक्ति होती है, जो स्वतंत्र विचारों के बाजार को नकली कहानियों के भारी बोझ के नीचे पतन की ओर धकेल देती है।
सीजेआई ने कहा कि हर दिन अखबार पर एक सरसरी नजर डालने से फर्जी अफवाहों और लक्षित दुष्प्रचार अभियानों से भड़की सांप्रदायिक और नैतिकता के पैरोकार बनकर की जाने वाली हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती हैं। सीजेआई ने कहा कि दुनियाभर में चाहे वह लीबिया हो, फिलीपीन्स हो, जर्मनी हो या अमेरिका, फर्जी खबरों के प्रसार से चुनाव और नागरिक समाज कलंकित हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि जब देश दुखद कोविड-19 महामारी का सामना कर रहा था, तब इंटरनेट फर्जी खबरों और अफवाहों से भरा हुआ था। मुश्किल वक्त में हास्य राहत का एक स्रोत, लेकिन यह हमें इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं पर पुनर्विचार करने के लिए भी मजबूर कर रहा था।
सीजेआई ने कहा कि डिजिटल युग में गोपनीयता केवल डेटा सुरक्षा का मामला नहीं है बल्कि यह एक मौलिक अधिकार है जिसका हमें सक्रिय रूप से समर्थन करना चाहिए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta