Chandipura virus in Rajasthan: राजस्थान में चांदीपुरा वायरस का मरीज मिलने से हडकंप मच गया है। इसे लेकर भजनलाल सरकार ने अलर्ट जारी किया है। दरअसल, राज्य के डूंगरपुर जिले में चांदीपुरा वायरस का एक पॉजिटिव रोगी सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग ने प्रदेशभर में इस रोग को लेकर सावधानी बरतने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
डूंगरपुर जिले में मिला रोगी : चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि डूंगरपुर जिले में एक रोगी सामने आने के बाद प्रदेशभर में इस रोग से बचाव एवं उपचार के लिए व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की गई हैं। साथ ही गुजरात राज्य के सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जारी विस्तृत एडवाइजरी में बीमारी के लक्षण, जांच, उपचार, बचाव एवं वेक्टर नियंत्रण के संबंध में जानकारी दी गई है।
लक्षण दिखने के 48 घंटों में मौत : गुजरात के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कुछ ही दिनों में कई मामले सामने आ गए हैं। ऐसे में इस वायरस को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। ये वायरस इतना खतरनाक है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संक्रमित बच्चों की लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर ही मौत हो सकती है।
इस मौसम में क्यों फैलता है : चांदीपुरा संक्रमण आमतौर पर बरसात के मौसम में देखने को मिलता है। यह संक्रमित रोग मक्खी, मच्छर के काटने से होता है। 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों में यह संक्रमण पाया जाता है। खास तौर पर यह ग्रामीण क्षेत्रों में इस वायरस का संक्रमण ज्यादा देखने को मिलता है। बता दें कि चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है, जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार है।
क्या हैं चांदीपुर वायरस के लक्षण : चांदीपुरा वायरस से बुखार आता है। इसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं। चांदीपुरा वायरस में अक्सर अचानक तेज बुखार आना, उसके बाद दौरे पड़ना, दस्त, मस्तिष्क में सूजन, उल्टी का होना शामिल है। यदि बच्चों में बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल एक चिकित्सक को रेफर करें।
कैसे बचे चांदीपुर वायरस से : जनरल फिजिशियन डॉ प्रवीण दाणी ने बताया कि यदि किसी बच्चे में तेज बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल डॉक्टर से मिलें। इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें। डॉ जेपी पाल ने बताया कि बारिश के मौसम में बच्चों को मच्छर और मक्खी काटने से बचाए। घर में सफाई रखे जिससे मच्छर और मक्खी न हो। लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
Edited By: Navin Rangiyal