नई दिल्ली। तमाम राजनीतिक उठापटक और नए संसद भवन के उद्धाटन को लेकर विवाद के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने सेंगोल के बारे में बताया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस में सेंगोल के बारे में जानकारी दी। शाह ने कहा कि इस आयोजन से एक ऐतिहासिक परंपरा फिर से जीवित होगी। उन्होंने बताया कि लंबी परंपरा है। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न होता है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तमिल संस्कृति में सेंगोल का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा, 'चोल वंश के समय से ही संगोल का महत्व रहा है। इस सेंगोल को नई संसद में रखा जाएगा उन्होंने कहा, 'यह एक मूलभूत घटना होने जा रही है, और यह भारत में अमृत काल को चिन्हित करेगी।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि इस पवित्र सेंगोल को संग्रहालय में रखना अनुचित है। सेंगोल के आवास के लिए संसद भवन से ज्यादा पवित्र स्थान कोई नहीं हो सकता। इसीलिए संसद भवन के राष्ट्र समर्पण के दिन पीएम मोदी विनम्रता के साथ तमिलनाडु अधिनाम के माध्यम से सेंगोल को स्वीकार करेंगे।
क्या है सेंगोल का इतिहास?
14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी। जिसमें सेंगोल ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शाह ने बताया कि यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। आप सभी को आश्चर्य होगा कि इतने साल तक यह आपके सामने क्यों नहीं आया। इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो उन्होंने गहन जांच करवाई। इसके बाद इसे देश के सामने रखने कै फैसला किया गया। बता दें कि संसद के नए भवन को लेकर विवाद चल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बयान दिया था कि नए संसद भवन का उद्धाटन पीएम मोदी को नहीं राष्ट्रपति को करना चाहिए। उनके इस बयान से राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है। बुधवार को आम आदमी पार्टी और टीएमसी समेत चार दलों बायकॉट किया है।
Edited by navin rangiyal