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Kuki Tribe : कौन हैं कुकी जनजाति और क्यों है चर्चा में

हमें फॉलो करें Kuki Tribe : कौन हैं कुकी जनजाति और क्यों है चर्चा में
, बुधवार, 9 अगस्त 2023 (22:07 IST)
who is Kuki Tribe : मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के लोगों के टकराव हो रहा है। स्थिति का अंदाजा इसी से होता है कि 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्री अमित शाह ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान चर्चा में कहा कि कुकी म्यांमार से आए हैं। जानिए कौन है कुकी जनजाति के लोग
 
कुकी जनजाति भारत के मणिपुर और मिजोरम राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में एक जनजातीय समूह हैं। कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ये समुदाय एसटी वर्ग में आता है। कूकी समुदाय भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों, उत्तरी म्यांमार, बंगलादेश के चित्तग्राम पहाड़ियों पर निवास करते हैं।

 ब्रिटिश शासन ने दिया आश्रय : भारत में अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर वे सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में पाए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उनके होने की सबसे बड़ा कारण ब्रिटेन की औपनिवेशिक नीति का परिणाम है। ये मुख्यतः अधिक संख्या वाले मिजो लोगों में उनकी प्रथाएं व भाषा अपनाकर घुलमिल गए हैं। उन्हें तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने आश्रय दिया और 200 कुकियों को सीमांत रक्षार्थ सैनिक शिक्षा दी। हालांकि आधुनिक होने पर थोड़े बदलाव जरूर हुए हैं।
 
20 से अधिक उप जनजातियां : उत्तर पूर्व भारत में कहा जाता है कि कुकी जनजातियों को बनाने वाले और उनमें शामिल होने वाले 20 से अधिक उप-जनजातियां हैं। इसके बोंजुंग कुकी, बायटे कुकी, खेलमा कुकी आदि कई कुलवाची भेद हैं। 
 
कहां कितनी आबादी : मणिपुर में कुकी जनजाति की आबादी लगभग एक मिलियन है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है। कुकी जनजाति अपनी स्वतंत्रता और आत्म-सम्मान के लिए लड़ने से डरते नहीं हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2011 की जनगणना के मुताबित मिजोरम में 1,384,590, मणिपुर 987,050, असम में 221,430, मेघालय में 190,000, त्रिपुरा में 100,000 और नागालैंड में 50,000 के करीब कुकी जनजाति के लोग रहते हैं।
 
खूंखार समझे जाते हैं : ये बलिष्ठ एवं ठिंगने होते हैं और नागा लोगों की अपेक्षा अधिक खूंखार समझे जाते हैं। आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व लुशाई और कुकी लोगों में युद्ध हुआ जिसमें कुकी लोगों की हार हुई और वे अपना निवास छोड़कर काचार में आ बसे। 
 
कैसे रहते हैं कुकी : कुकी बांस के जंगलों में एकाकी जीवन व्यतीत करते हैं, जो इन्हें निर्माण व हस्तकला सामग्रियां उपलब्ध कराते हैं। ये जंगल को जलाकर भूमि साफ़ करके चावल उगाते है, जंगली जानवरों का शिकार करते हैं और कुत्ते, सूअर, भैंस, बकरी व मुर्गियां पालते हैं। 
 
प्रमुख द्वारा शासित : परंपरागत रूप से कुकी जंगलों में छोटी बस्तियों में रहते थे, जिनमें प्रत्येक उसके अपने प्रमुख द्वारा शासित होती थी। मुखिया का सबसे छोटा पुत्र अपने पिता की संपत्ति का उत्तराधिकारी होता था, जबकि अन्य पुत्रों का गांव की लड़कियों से विवाह करवाकर उन्हें स्वयं अपने गांव स्थापित करने हेतु भेज दिया जाता था।
 
विश्वासघात की सजा मौत : कुकी लोगों में विश्वासघात की सजा मौत है। खून के अपराध में खूनी और उसके परिवार को गुलामी करनी होती है। महिलाओं को किसी प्रकार की स्वतंत्रता नहीं है उन पर सरदार का आदेश लागू होता है। कुकी लोग उथेन नामक देवता की पूजा करते हैं। 
   
सरदार की आज्ञा सर्वोपरि : कुकी लोग अपने सरदार की आज्ञा का पालन अपना धर्म समझते हैं सरदार उनका एक प्रकार से राजा होता है। सरदार को दैवी अंश माना जाता है। सरदार के आदेश का आंख मूंदकर पालन किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति सरदार का भाला सुसज्जित रूप में लेकर गांव में घूमता है तो उसका अर्थ होता है कि सरदार ने सभी लोगों को तुरंत बुलाया है। Edited By : Sudhir Sharma

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