कौन हैं BJP की हिंदू हार्डलाइनर Madhavi Latha जो हैदराबाद में Asaduddin Owaisi को देंगी टक्कर
हैदराबाद की इस खास सीट से बीजेपी ने माधवी लता को उतारा
भाजपा (BJP) ने आम चुनाव के लिए कुल 195 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। 16 राज्यों और दो केंद्र शासित राज्यों में भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। तेलंगाना (Telangana) की चर्चित हैदराबाद (Hyderabad) सीट पर भाजपा ने इस बार माधवी लता (Madhavi Lata) को उतारा गया है। इस सीट पर माधवी लता असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर देंगी। दोनों कट्टर दावेदारों के बीच यह मुकाबला देखने वाला होगा।\
बता दें कि फिलहाल इस सीट पर एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) सांसद हैं। इस सीट पर 1984 से ही ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है। इसे ओवैसी का गढ़ माना जाता है।
क्या है इस सीट का इतिहास : असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी 1984 में पहली बार इस सीट से सांसद बने थे। 2004 तक वह सांसद रहे और इसके बाद अब यह सीट असदुद्दीन ओवैसी के पास है। अब उनके सामने माधवी लता होगी, जिसे भाजपा का दमदार उम्मीदवार माना जा रहा है। बता दें कि भाजपा ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ नए चेहरे को उतारा है।
कौन हैं माधवी लता : ओवैसी के गढ़ में चुनाव लड़ने वाली महिला डॉ. माधवी लता विरिंची हॉस्पिटल की चेयरपर्सन हैं। वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती हैं। अपनी हिंदूवादी छवि और भाषण की वजह से वे अक्सर खबरों में रहती हैं।
भरतनाट्यम डांसर हैं माधवी लता : अस्पताल की चेयरपर्सन होने के अलावा माधवी लता भरतनाट्यम डांसर भी हैं। हैदराबाद में वह सामाजिक कामों में भी सक्रिय हैं। उनके ट्रस्ट और संस्थाएं हेल्थकेयर, शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं। वह लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट और लतामा फाउंडेशन की प्रमुख हैं। उन्होंने कोटी महिला कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए किया था। वे अपने हिंदू धर्म को लेकर दिए गए भाषण की वजह से चर्चा में और बहस में रहती हैं।
इस सीट से भगवत राव ने लड़ा था चुनाव : इस सीट से पहले भगवत राव ने चुनाव लड़ा था। पहली बार भाजपा ने हैदराबाद से महिला प्रत्याशी पर दांव खेला है। पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भगवत राव को 2,35,285 वोट मिले थे। जबकि असदुद्दीन ओवैसी को 5,17,471 वोट मिले थे। ओवैसी ने इस सीट पर जबरदस्त जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा ने माधवी लता को उतारकर अपनी रणनीति का संकेत दिया है,जिसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है।
Edited by Navin Rangiyal