Shree Sundarkand

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जानिए क्या है वन रैंक वन पेंशन

Advertiesment
हमें फॉलो करें whta is One Rank One Pension
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार 'वन-रैंक-वन पेंशन' (ओआरओपी) के उलझे हुए मसले का जल्द ही हल निकाला जाएगा। नकी सरकार 'वन-रैंक-वन पेंशन' (ओआरओपी) के उलझे हुए मसले का जल्द ही हल निकालेगी। आखिर क्या है वन रैंक- वन पेंशन मामला। 
वन रैंक वन पेंशन का अर्थ : वन रैंक-वन पेंशन का अर्थ है कि अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो फौजियों की पेंशन की राशि में ‍बड़ा अंतर न रहे। 2006 से पहले रिटायर हुए सैन्य कर्मियों को कम पेंशन प्राप्त हो रही थी, यहा तक अपने से कम रैंक वाले अफसर से भी कम है।  यह अंतर इतना अधिक हो गया था कि पहले से रिटायर अफसरों की पेंशन बाद में रिटायर हुए छोटे अफसरों से कम हो गई। 
 
इस अंतर को इस बात से समझा जा सकता है कि 2006 से पहले रिटायर हुए मेजर जनरल की पेंशन 30300 रुपए है जबकि आज कोई कर्नल रिटायर होगा तो उसे 34000 रुपए पेंशन प्राप्त होगी जबकि मेजर जनरल एक कर्नल से दो रैंक ऊपर का अधिकारी होता है। एक रैंक लेकिन असमान पेंशन' का ये मामला केवल फौजी अधिकारियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सिपाही, नायक और हवलदार रैंक के फौजी भी इसके शिकार रहे हैं।
अगले पन्ने पर, अगर योजना हुई लागू... 
 

वन रैंक- वन पेंशन की मांग सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी कई सालों से कर रहे हैं। 30 साल पहले रिटायर्ड फौजियों ने इसके एक्स सर्विसमेन एसोसिएशन बनाई थी। इस योजना का फायदा करीब 25 लाख सैनिकों को होगा। 
webdunia
देश में 25 लाख से ज्यादा रिटायर्ड सैन्यकर्मी हैं। जो अफसर कम से कम 7 साल कर्नल की रैंक पर रहे हों उन्हें समान रूप से पेंशन मिलेगी। ऐसे अफसरों की पेंशन 10 साल तक कर्नल रहे अफसरों से कम नहीं होगी, बल्कि उनके बराबर होगी। केंद्र सरकार सैनिकों की इस मांग को लगातार टाल रही थी। इससे तंग आकर 2008 में इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (आइएसएम) नामक संगठन बनाकर रिटायर्ड फौजियों ने संघर्ष तेज कर दिया। 
 
2009 में फौजियों ने क्रमिक भूख हड़ताल करते हुए राष्ट्रपति को हजारों मैडल वापस किए थे। इतना ही नहीं, डेढ़ लाख पूर्व फौजियों ने अपने खून से हस्ताक्षर वाला ज्ञापन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को सौंपा था। पंजाब और हिमाचल की सरकारें प्रस्ताव पारित कर 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग का समर्थन कर चुकी हैं। 
अगले पन्ने पर, यूपीए सरकार ने की थी घोषणा.... 
 

यूपीए सरकार ने की थी घोषणा : यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में वन रैंक-वन पेंशन योजना की घोषणा की थी। अंतरिम बजट में इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया था।

इसके बाद अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हुए और यूपीए सत्ता से बाहर हो गई। उधर, मोदी भी सितंबर 2013 में अपनी एक रैली में वादा कर चुके थे कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो इस योजना पर तुरंत अमल होगा। एनडीए सरकार का जुलाई 2014 में पहला बजट आया। इसमें 1000 करोड़ रुपए इस योजना के लिए रखे गए। (एजेंसियां)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi