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सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनने देना चाहते अशोक गहलोत?

सचिन पायलट को रोकने के लिए अशोक गहलोत ने बढ़ाया सीपी जोशी का नाम?

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विकास सिंह

, शुक्रवार, 23 सितम्बर 2022 (18:53 IST)
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ होती जा रही है। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस  अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। अशोक गहलोत के साथ केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की भी खबरें है। 
 
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगर कांग्रेस अध्यक्ष बनते है तो राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा अब यह बड़ा सवाल बन गया है? गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को साफ कर दिया था कि पार्टी उदयपुर में हुए चितंन शिविर में लिये गये ‘एक व्यक्ति, एक पद' का निर्णय का पूरी तरह पालन करेगी। मीडिया के सवालों पर राहुल गांधी ने कहा था कि ‘‘हमने उदयपुर में जो फैसला किया था, हम उम्मीद करते हैं कि वह प्रतिबद्धता बरकरार रहेगी।''

अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते है तो उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा। ऐसे में अब चर्चा इस बात की राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने वाले सचिन पायलट या अशोक गहलोत के करीबी और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी? 

बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत ने पार्टी हाईकमान के सामने राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सीपी जोशी का नाम आगे बढ़ाया है। राजस्थान की राजनीति के जानकार मानते है कि अशोक गहलोत सीपी जोशी का नाम आगे कर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोकना चाहते है। इसकी सबसे बड़ी वजह सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच लंबे समय से चला आ रहा छत्तीस का आंकड़ा है। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सियासी अदावत किसी से छिपी नहीं है। अशोक गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को गिऱाने के षड़यंत्र में सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल थे। इसके साथ अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के लिए नाकारा और  निकम्मा जैसे शब्दों का भी उपयोग सार्वजनिक तौर पर किया था। जुलाई 2020 में सचिन पायलट के अपने समर्थक विधायकों  के साथ बागी तेवर दिखाने के बाद अशोक गहलोत ने सियासी संकट में फंसी अपनी सरकार को न केवल निकाला था बल्कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को कांग्रेस में एक किनारे कर दिया था। 

वहीं दूसरी ओर राजस्थान में मुख्यमंत्री बनने का इंतजार दिसंबर 2018 कर रहे सचिन पायलट ने अपनी लांबिग तेज कर दी है। पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद सचिन पायलट जयपुर लौटकर अपने समर्थक विधायकों से मुलाकात की है। जुलाई 2020 के बाद से सचिन पायलट राजस्थान में बिना किसी पद के कांंग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। 2018 में कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता दिलाने वाले सचिन पायलट जुलाई 2020 में बागवती तेवर दिखाने पर राजस्थान के डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। जिसके बाद राहुल गांधी ने सार्वजनिक मंच से सचिन पायलट के धैर्य की तारीफ कर चुके है। 

वहीं राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे में संभावित फेरबदल को देखते हुए कांग्रेस के कई नेता अब खुलकर सचिन पायलट का समर्थन कर रहे हैं। वहीं सचिन पायलट समर्थक विधायकों ने खुलकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर दी है। ऐसे में अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी आलाकमान इस बार सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री की कमान सौपं सकती है।
 
 

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