Nitin Gadkari does not want to come to Delhi: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर से परेशान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी आने का मन नहीं करता, क्योंकि यहां उन्हें अक्सर संक्रमण हो जाता है। नागपुर से सांसद गडकरी ने कहा कि दिल्ली शहर ऐसा है कि मुझे यहां रहना पसंद नहीं है। यहां प्रदूषण के कारण मुझे संक्रमण हो जाता है। उन्होंने कहा कि हम वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देकर जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकते हैं।
हवा में दिखा सुधार : उन्होंने कहा कि हर बार दिल्ली में आते हुए ऐसा लगता है कि (दिल्ली) जाना चाहिए कि नहीं। इतना भयंकर प्रदूषण है। गडकरी ने सुझाव दिया कि प्रदूषण को कम करने का सबसे अच्छा तरीका जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल) की खपत को कम करना है। मंगलवार को दिल्ली के निवासियों ने हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार देखा। सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 274 पर था, जो लगातार तीसरे दिन राहत का संकेत है।
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दिल्लीवासियों के लिए दिसंबर की शुरुआत नवंबर की तुलना में अपेक्षाकृत आसान रही है। नवंबर में महीने के ज्यादातर दिनों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक था। गडकरी ने कहा कि भारत 22 लाख करोड़ रुपए के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है, जो अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और पारिस्थितिकी के दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण है।
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गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी बड़ी समस्या : उन्होंने कहा कि हम वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देकर जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकते हैं। अपने बेबाक विचारों के लिए मशहूर गडकरी ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी है, इसलिए आने वाले समय में सरकार को आर्थिक और सामाजिक समानता हासिल करना सुनिश्चित करना होगा। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edied by: Vrijendra Singh Jhala