चेन्नई। साहस और दृढ़ संकल्प का अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए शहीद कर्नल संतोष महादिक की पत्नी 11 महीनों का कठिन प्रशिक्षण हासिल करने के बाद आज सेना में अधिकारी के तौर पर शामिल हो गई। दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्नल महादिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
38 साल की स्वाति महादिक दो बच्चों की मां हैं और आर्मी ऑर्डनेंस कोर ने उन्हें सेना में अधिकारी के रूप में शामिल किया। वे लेफ्टिनेंट रैंक पर नियुक्त हुई हैं। उनके पति कर्नल महादिक को 2003 में पूर्वोत्तर में ऑपरेशन राइनो के दौरान वीरता के लिए सेना मेडल दिया गया था। उनकी नवंबर, 2015 को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान में मौत हो गई थी।
स्वाति ने कहा कि मैं सेना में शामिल होकर उनके (महादिक) करीब होना चाहती थी। यह वर्दी उनका पहला प्यार थी और इसी वजह से मैंने सेना का हिस्सा बनने का फैसला किया ताकि यह वर्दी पहन सकूं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने बच्चों को जीने की वही राह दिखाना चाहती हूं जो वह (महादिक) उन्हें दिखाते। 39 साल के कर्नल महादिक सेना के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के अधिकारी थे और उनके सहकर्मियों के अनुसार वह हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करने के लिए जाने जाते थे। स्वाति अपने पति के पदचिह्नों का पालन करते हुए पिछले साल अक्तूबर में सेना के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) का हिस्सा बनी थीं।
स्वाति के बच्चे (12 साल की बेटी कार्तिकी और सात साल का बेटा स्वराज) उस समारोह में मौजूद थे जहां स्वाति को सेना में शामिल किया गया। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चेन्नई में ओटीए में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद स्वाति महादिक को आज अधिकारी के तौर पर सेना में शामिल कर लिया गया। उन्होंने बताया कि स्वाति पुणे में आर्मी ऑर्डनेंस कोर का हिस्सा होंगी। निधि दुबे नाम की एक और महिला आज अधिकारी के तौर पर सेना में शामिल हुईं। निधि ने अपने पति को खो दिया जो सेना में नायक थे। स्वाति की तरह निधि भी लेफ्टिनेंट के तौर पर सेना का हिस्सा बनीं। (भाषा)