Prime Minister Narendra Modi visit to Ukraine: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) ने भारत के समक्ष विचित्र सी मांग रखी है। शांति दूत बनकर यूक्रेन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए जेलेंस्की की इस मांग को मानना संभव ही नहीं होगा। दरअसल, आजतक को दिए एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि यदि भारत रूस से तेल नहीं खरीदता है तो इससे युद्ध समाप्त हो जाएगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि वे भी भारत जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत युद्ध खत्म करने के लिए हमारी मदद करे। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ मजबूत रिश्ते चाहते हैं।
मोदी यूक्रेन से रवाना : प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ सार्थक वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया।
मोदी ने क्या लिखा एक्स पर : कई बैठकों में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा- यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को और गहरा करने के उद्देश्य से इस महान देश में आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।
इससे पहले दिन में, मोदी ने यहां राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ व्यापक वार्ता की और यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी संघर्ष का समाधान निकालने के लिए एक-दूसरे से बातचीत की जरूरत पर बल दिया और कहा कि भारत, शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था। तब से लेकर अभी तक दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। प्रधानमंत्री मोदी सुबह एक विशेष ट्रेन से कीव पहुंचे थे।
भारत ने चीन को पीछे छोड़ा : भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। वह रूसी तेल का सबसे बड़ा आयातक देश बन गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई महीने में भारत ने जुलाई 2024 में जितने कच्चे तेल का आयात किया है उसमें 44 प्रतिशत हिस्सेदारी रूस की है। दूसरी ओर चीन रिफाइनरी कंपनियों ने प्रॉफिट मार्जिन में कमी के चलते कम कच्चे तेल का आयात किया है।
दरअसल, फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया था। उसके तेल और गैस खरीदने पर रोक लगाने का भी फैसला लिया था। इसके बाद भारत ने रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदना शुरू किया। इसका घरेलू रिफाइनरियों को काफी फायदा हुआ।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala