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ईरान-इजराइल की जंग से क्या भारत में बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?

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विकास सिंह

, सोमवार, 23 जून 2025 (13:32 IST)
ईरान-इजरायल के बीच छिड़े भीषण युद्ध में अमेरिका की एंट्री के बाद हालात अब भयानक हो गए है। ईरान के तीन मुख्य परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद स्थिति और भयावह होने की आशंका हो गई है। इस बीच ईरान ने चेतावनी है कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है। होर्मुज जलडमरूमध्य से ही दुनिया का एक चौथाई क्रूड सप्लाई होता है वहीं भारत के कुल तेल आयात का बड़ा हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से होकर आता है। ऐसे में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड के दाम बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।
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मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह कहते हैं कि ईरान के होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की आंशका बहुत ही कम है। वह इसका कारण बताते हुए कहते हैं कि भारत के साथ चीन ईरान से बड़ी  मात्रा में क्रूड आयात करते है, ऐसे में अगर ईरान होर्मुज जलमरूमध्य को बंद करता है तो इसका असर ईरान की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, वहीं चीन अपने उपभोग का 90 फीसदी तेल इसी होर्मुज के जरिए आय़ात करता है, इसलिए वह ऐसा होने नहीं देगा। वहीं अगर भारत की बात करें तो वह सामान्य तौर पर ईरान से अपने उपभोग का 70 फीसदी तेल ईरान से आयात करता है। इस बीच पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि देश में पेट्रोलियम कंपनियों के पास तेल का पर्याप्त स्टॉक है। देश में पेट्रोल-डीजल-गैस की आपूर्ति के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।

भारत ने रूस से बढाया तेल आयात, दाम बढ़ने की संभावना कम-ईरान-इजरायल के बीच युद्ध छिड़ने के बाद भारत ने जून में रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा दी है। भारत की जून में रूस से तेल खरीद पश्चिम एशिया के आपूर्तिकर्ताओं ईरान, सऊदी अरब और इराक से आयातित मात्रा से अधिक रही है। भारतीय रिफाइनरी कंपनियां जून में रूस से प्रतिदिन 20 से 22 लाख बैरल कच्चा तेल खरीद रही हैं। यह दो साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इसके साथ ही यह इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कुवैत से खरीदी गई कुल मात्रा से अधिक है। पश्चिम एशिया से आयात के लिए पूरे महीने का अनुमान लगभग 20 लाख बैरल प्रतिदिन है, जो पिछले महीने की खरीद से कम है।

वहीं अगर ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष और बढ़ता है तो पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेगे, इस सवाल पर अजय सिंह कहते हैं कि इसकी संभावना बहुत कम है। अगर आज की बात करें तो क्रूड 78 डॉलर प्रति बैरल है। वहीं भारत ने अब रूस से तेल आयात का प्रतिशत बढ़ा दिया है। रुस जो तेल का एक बड़ा उत्पादक देश है उससे भारत पहले अपने कुल उपभोग का 4 फीसदी ही तेल आयात करता था जो वर्तमान मे 35 फीसदी हो गया है और आने वाले समय यह बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा। ऐसे में भारत में निकट भविष्य में न कोई बड़ा तेल संकट खड़ा होने वाला है और न ही पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।.
 

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