कर्नाटक में नवंबर क्रांति से क्या गिर जाएगी सिद्धारमैया सरकार?
डिप्टी सीएम शिवकुमार गुट के विधायकों ने दिल्ली में डाला डेरा, सीएम बनाने की मांग
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार में एक बार फिर बगावत के सुर सुनाई दे रहे है डीके शिवकुमार खेमे के एक दर्जन से अधिक विधायकों के दिल्ली में डेरा डालने और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की खबरों ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।दरअसल कर्नाटक में 2003 के बाद से ही मुख्यमन्त्री सिद्धारमैया गुट और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार गुट के बीच पावर शेयरिंग को लेकर असंतोष लगातार बना हुआ है।
2003 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर पार्टी आलाकमान ने डीके शिवकुमार की दावेदारी को दरकिनार कर सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी, उस वक्त कहा गया था कि सरकार के ढाई साल पूरा होने पर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। अब ढाई साल पूरे होने पर डीके शिवकुमार गुट के विधायकों ने अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग तेज कर दी है।
दिल्ली में खडगे के साथ सीक्रेट बैठक- दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ कर्नाटक में डीके शिवकुमार सर्मथक विधायकों की सीक्रेट बैठक को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। बताया जा रहा है कि बैठक में पार्टी आलाकमान के सामने डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की खुलकर मांग की। डीके शिवकुमार का खेमा यह दावा कर रहा है कि सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार के ढाई साल पूरे होने के साथ ही पावर शेयरिंग एग्रीमेंट का सम्मान किया जाना चाहिए और उसे तुरंत लागू किया जाए। गौरतलब है कि कर्नाटक में आज सिद्धारमैया सरकार के ढाई साल पूरे हो रहे है।
वहीं जब इस बारे में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता है, उन्हें नहीं पता कि विधायक आखिर दिल्ली क्यों गए। डीके के अनुसार उनकी तबीयत ठीक नहीं है और कुछ दिनो से वे अपने घर से भी बाहर नहीं निकले हैं।
कर्नाटक में क्या होगी नवंबर क्रांति?- कर्नाटक में कांग्रेस सरकार में असंतोष और पार्टी विधायकों के बगावती तेवर के बाद चल रहे पूरे सियासी ड्रामे को नवंबर क्रांति कहा जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नवंबर क्रांति की अटकलों को मीडिया की उपज बताते हुए इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वह अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी स्थिति शुरुआत से ही मजबूत रही है और भविष्य में भी ऐसी ही बनी रहेगी।
गौरतलब है कि कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनाव डीके शिवकुमार की अगुवाई में कांग्रेस को बहुमत हासिल हुआ था उसके बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कड़ा मुकाबला हुआ था. उस समय कांग्रेस हाईकमान ने किसी तरह शिवकुमार को मनाया और उन्हें उपमुख्यमंत्री बना दिया. उस वक्त कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि दोनों नेताओं के बीच रोटेशन फॉर्मूला पर समझौता हुआ है, जिसके तहत ढाई साल बाद डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन पार्टी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं की।