नई दिल्ली। भारतीय मुस्लिम महिलाओं का एक समूह जुबां पर ‘तलबिया’ के जाप और ‘‘हम भी कर सकते हैं’ की भावना के साथ अगले साल हज पर जाएगा । केंद्र ने पहली बार बिना मेहरम के कम से कम चार लोगों के समूह में 45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं की यात्रा पर जाने को मंजूरी देने का फैसला किया है। भारत की हज कमेटी (एचसीओआई) के जरिए अगले साल के लिए श्रेणी के तहत आवेदन स्वीकार किया जाना शुरू हो चुका है ।
मेहरम का जिक्र उस पुरूष के लिए किया जाता है, जिनसे किसी महिला की शादी नहीं हो सकती (जैसे कि पिता, भाई और बेटा आदि )। अब तक महिला यात्रियों के साथ मेहरम की जरूरत होती थी । मंत्रालय में सूत्रों के मुताबिक, हज कमेटी को 15 नवंबर को प्रक्रिया आरंभ के बाद से 69,872 आवेदन मिले हैं । इसमें 55,001 ऑनलाइन मिले हैं।
अब तक 180 महिलाओं ने बिना मेहरम के हज पर जाने के लिए आवेदन किया है। इनमें 164 आवेदन केरल से आए। उत्तरप्रदेश से आठ महिलाओं ने आवेदन सौंपे जबकि असम और पश्चिम बंगाल से चार-चार महिलाओं ने बिना मेहरम के हज पर जाने के लिए आवेदन दिया है। (भाषा)