Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महानगरों में 8 से 10 घंटे काम करती हैं महिलाएं

Advertiesment
हमें फॉलो करें Working women
, रविवार, 5 मार्च 2017 (23:03 IST)
नई दिल्ली। महानगरों में काम करने वाली 70 फीसदी महिलाएं एक घंटे का सफर तय करने के बाद अपने कार्यालय पहुंच कर आठ से 10 घंटे तक काम करती हैं। ये महिलाएं कम से कम 30 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अपने ऑफिस पहुंचती हैं। कामकाजी जिंदगी और निजी जिंदगी के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश में महानगरों की सड़कों को नापती ये महिलाएं अक्सर अपने ही स्वास्थ्य को दांव पर लगा देती हैं।
     
पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक सफर में इतना लंबा समय गंवाने के बावजूद 64 प्रतिशत कामकाजी महिलाओं ने अपने काम के प्रति पूर्ण या सामान्य संतुष्टि जताई। रिपोर्ट से यह बात भी सामने आयी है कि ऑफिस के काम के दबाव के बावजूद 84 फीसदी महिलाएं हर दिन अपने दो से चार घंटे घरेलू कामकाज पर देती हैं। 
 
हालांकि अधिकतर महिलाओं का कहना है कि उन्हें घर के कामकाज में परिवार के अन्य सदस्यों से कोई मदद नहीं मिलती है, जिससे यह पता चलता है कि अब भी समाज में यही धारणा है कि घर संभालने की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की हैं। करीब 49 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि उन्होंने घर के काम के लिए किसी को काम पर रखा हुआ है। 
 
चैंबर्स के रिसर्च ब्यूरो ने इस साल जनवरी-फरवरी के बीच  दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु, कोलकाता तथा चेन्नई में लगभग 5,000 कामकाजी महिलाओं तथा गृहणियों का सर्वेक्षण करके यह रिपोर्ट तैयार की है।  यह सर्वेक्षण महिलाओं की कामकाजी जिंदगी तथा निजी जिंदगी के संतुलन और महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से किया गया। इसमें साथ ही महिलाओं को काम पर रखने वाले संगठनों तथा आफिस में उनके अनुकूल काम का माहौल बनाने की दिशा में क्या प्रयास किये गये, इस पर भी ध्यान दिया गया। 
         
करीब 58 प्रतिशत महिलाएं निजी अस्पतालों पर सरकारी या स्थानीय क्लिनिक के बजाय अधिक भरोसा करती हैं। रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 69 प्रतिशत कामकाजी महिलाओं के पास बीमारी पर वेतन सहित अवकाश लेने की सुविधा है। करीब 37 फीसदी ने कहा कि उन्हें तीन से छह माह तक का मातृत्व अवकाश दिया गया है। 
बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में 83 फीसदी महिलाओं का कहना है कि उनके कार्यालय में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय है। सिर्फ 27 फीसदी का कहना है कि उनके ऑफिस में महिला चिकित्सक तथा डिस्पेंसरी की सुविधा भी है।  (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इंग्लैंड में मुस्लिम महिलाओं को स्विमसूट में तैराकी की इजाजत