नई दिल्ली। दिल्ली हवाई अड्डे के कार्गो टर्मिनलों पर आयातित सामानों की जांच के लिए कोई एक्स-रे मशीन नहीं लगी हुई है और इससे सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने हाल ही में दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (डीआईएएल) और दो अन्य कंपनियों सेलेबी तथा दिल्ली कार्गो सर्विस सेंटर को पत्र लिखा है तथा उनके द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था में कमी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया है।
डीआईएएल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का परिचालन करती है। सेलेबी तथा दिल्ली कार्गो सर्विस सेंटर कार्गो टर्मिनलों का प्रबंधन करती हैं।
सूत्रों ने बताया कि देश में दो कार्गो टर्मिनलों के जरिए आयातित किए जा रहे सामान की जांच के लिए एक्स-रे मशीनों तथा नार्कोटिक्स किट नहीं होने का जिक्र पत्र में किया गया है।
उन्होंने कहा कि 2014 से ही दोनों कार्गो टर्मिनलों पर आयातित सामान की जांच के लिए एक्स-रे नहीं है वहीं निर्यात किए जाने वाले सामान की जांच के लिए एक्स-रे मशीन लगी हुई है।
इन कार्गो टर्मिनलों के जरिए हर साल विभिन्न देशों से हजारों टन उत्पादों का आयात किया जाता है। इन देशों में पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, सिंगापुर और थाईलैंड शामिल हैं।
2014-15 में आयातित विभिन्न उत्पादों के प्रवेश के लिए 4,78,020 बिल दाखिल किए गए और सीमा शुल्क अधिकारियों ने आयात शुल्क के रूप में 13,799 करोड़ रुपए वसूल किए।
संपर्क किए जाने पर डीआईएएल के प्रवक्ता ने कहा कि एक्स-रे मशीन सीमा शुल्क विभाग द्वारा लगाई गई थी और उनका रखरखाव भी वही करता था।
प्रवक्ता ने कहा कि तस्करी रोकने के लिए सीमा शुल्क विभाग द्वारा एक्स-रे मशीन लगाई गई थी और उनका रखरखाव भी वही करता था। हम भी उन एक्स-रे मशीनों की सेवाओं के जरिए उन्हें समर्थन करते हैं, जो पहले ही दोनों कार्गो टमिनलों पर सीमा शुल्क क्षेत्र में लगी हुई हैं। सीमा शुल्क विभाग के पास पूर्ण रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों का दस्ता है।
डीआईएल ने कहा कि विमानन सुरक्षा के साथ समझौता किए जाने का सवाल ही नहीं है और हम दोहराना चाहेंगे कि हम नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा निर्धारित किए गए मानदंडों का सख्ती से पालन करते हैं। (भाषा)