हिजाब विवाद मामले में फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा देने का फैसला किया था। खबर आई थी कि जजों को जान से मारने की धमकी मिली है। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है।
पुलिस में एक वायरल वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी को लेकर राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था। साथ ही कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य प्रथा नहीं है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा, 'हमने हिजाब पर फैसला सुनाने वाले तीनों जजों को 'Y' कैटेगरी सुरक्षा देने का फैसला किया है।
मैंने डीजी और आईजी को विधानसौधा थाने में दर्ज शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें कुछ लोगों ने न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दी है।' हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और काजी एम जैबुन्निसा की तीन सदस्यीय बेंच ने हिजाब मामले में फैसला सुनाया था।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीन जजों को धमकी देने पर तमिलनाडु में में तीन लोगों के खिलाम मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि कोर्ट के आदेश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर तमिलनाडु तौहीद जमात (TNMJ) के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि तौहीद जमात ने फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए कोरीपलायम इलाके में एक जनसभा आयोजित की थी, जिसमें कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की गई। इसके कुछ समय बाद ही तीन पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाए गए थे कि आयोजकों ने उच्च न्यायालय के जजों को हत्या की धमकी दी है।