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दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर, हरियाणा में हाई अलर्ट

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, रविवार, 29 जुलाई 2018 (00:19 IST)
नई दिल्ली/यमुनानगर। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और शनिवार शाम 5 बजे यह 205.20 मीटर तक पहुंच गया। इस स्थिति के मद्देनजर अधिकारी अब निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के काम में जुट गए हैं। इस बीच हरियाणा के यमुनानगर जिले में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
 
 
अधिकारियों ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर 90,000 क्यूसेक के खतरे के निशान को पार कर गया और शाम 5 बजे तक 5,03,935 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। लगातार हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। एक अधिकारी ने बताया कि पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर शाम 5 बजे तक बढ़कर 205.20 मीटर हो गया और इसमें और बढ़ोतरी होने की आशंका है।
 
शनिवार सुबह जारी एक बयान में कहा गया था कि दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर 28 जुलाई की सुबह 7 बजे 204.92 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान से ऊपर है। जलस्तर में और वृद्धि हो रही है।
 
एक अधिकारी ने बताया कि यमुना नदी के खतरे के निशान को पार करने के बाद शुक्रवार को चेतावनी जारी की गई थी। बयान के मुताबिक सभी कार्यपालक इंजीनियरों व क्षेत्र के अधिकारियों को पानी जारी करने, पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर और केंद्रीय जल आयोग व एमईटी के परामर्श या पूर्वानुमान के बाबत नियंत्रण कक्ष से लगातार संपर्क में रहने और उचित उपाय करने का अनुरोध किया गया है ताकि बाढ़ जैसी स्थिति से बचा जा सके।
 
परामर्श में कहा गया कि केंद्रीय जल आयोग, ऊपरी यमुना संभाग, नई दिल्ली ने दिल्ली रेलवे पुल (उत्तरी दिल्ली) के लिए बाढ़ का पूर्वानुमान जारी किया है। दिल्ली रेलवे पुल पर पानी का स्तर 28 जुलाई को सुबह 9 बजे 205 मीटर था (चेतावनी का स्तर 204.00 मीटर है)। पश्चिमी उत्तरप्रदेश और इसके पड़ोसी इलाकों पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
 
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि इससे उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश में अगले 2 दिनों के दौरान बारिश होगी और कहीं-कहीं पर भारी से लेकर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
 
इस बीच हरियाणा के यमुनानगर में यमुना नदी का जलस्तर 5 लाख क्यूसेक को पार करने के बाद जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी के जलस्तर में इतनी बढ़ोतरी हुई है। बहरहाल, हालात को नियंत्रण में बताते हुए जिला प्रशासन ने कहा कि बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए सारे जरूरी इंतजाम किए गए हैं। यमुनानगर के उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर अभी 5.25 लाख क्यूसेक के निशान को छू चुका है और हम हालात पर लगातार नजर रख रहे हैं।
 
उन्होंने बताया कि हमने जिले के 70 से ज्यादा गांवों को सतर्क कर रखा है। इसके अलावा करनाल, पानीपत और सोनीपत में जिला प्रशासन को यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की सूचना दी गई है। अधिकारियों ने दिल्ली प्रशासन को भी जलस्तर में बढ़ोतरी को लेकर आगाह किया है। यमुना नदी के आसपास रहने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई है।
 
दिल्ली में बाढ़ की आशंका, केजरीवाल ने सभी मंत्रालयों को किया अलर्ट : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए आपात बैठक की अध्यक्षता की और सभी संबंधित मंत्रालयों तथा विभागों को अलर्ट करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
 
हरियाणा द्वारा हथिनी कुंड बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद दिल्ली में बाढ़ की आशंका को देखते हुए केजरीवाल ने शनिवार को उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य एवं शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों की आपात बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए केजरीवाल और सिसोदिया ने बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सभी मंत्रालयों और विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। सभी मंत्रालय और विभागों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई दल पूरी तरह से सक्रिय है।
 
केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपातकालीन नियंत्रण कक्ष नंबर 1077 के बारे में विज्ञापन के जरिए जानकारी दी जाए ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके। बाढ़ की स्थिति में लोग इस नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
 
संबंधित एजेंसियों ने केजरीवाल को बताया कि निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम पहले ही शुरू किया जा सकता है। नदी क्षेत्र में स्थित कुछ गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। उनके लिए टेंट लगाने का काम किया जा रहा है। केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों के लिए बिजली, भोजन और पेयजल सुनिश्चित किया जाए तथा उनकी देखरेख में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए।
 
बैठक में बाढ़ संभावित क्षेत्र के पार्षदों, मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस, शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, सेना, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, स्वास्थ्य, राजस्व, डीयूएसआईबी, डीडीएमए, डीजेबी और अन्य संबंधित मंत्रालय और विभागों ने हिस्सा लिया। हरियाणा का छोड़ा गया पानी रविवार शाम तक दिल्ली पहुंचने के अनुमान है। (भाषा/ वार्ता)

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