नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना का जलस्तर शुक्रवार सुबह 204.30 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी के निशान 204.50 मीटर के काफी करीब है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पुराने रेल पुल पर सुबह 9 बजे जलस्तर 204.30 मीटर था। गुरुवार सुबह 10 बजे यह 203.77 मीटर पर था।
उन्होंने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से मंगलवार को और पानी छोड़े जाने की वजह से जलस्तर बढ़ गया। मंगलवार शाम 5 बजे प्रवाह दर 36,557 क्यूसेक थी। पिछले 3 दिनों में यह सर्वाधिक है। अधिकारी ने बताया कि बैराज से पानी राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने में आमतौर पर 2 से 3 दिन लगते हैं। इससे ही दिल्ली को पेयजल मिलता है।
हथिनीकुंड बैराज से शुक्रवार सुबह 8 बजे 11,055 क्यूसेक की दर से पानी यमुना में छोड़ा गया। अधिकारी ने कहा कि पिछले 2 दिनों में प्रवाह दर 10,000 क्यूसेक से 25,000 क्यूसेक के बीच रही है, जो कि बहुत अधिक नहीं है इसलिए नदी के जलस्तर के नीचे आने की संभावना है। 1 क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है।
नदी का जलस्तर सोमवार को 204.38 मीटर था, जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे है। सामान्य तौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी छोड़ने की मात्रा बढ़ा दी जाती है। गत वर्ष 18-19 अगस्त को प्रवाह दर 8.28 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी और यमुना नदी का जलस्तर 206.60 मीटर पर पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 205.33 से ऊपर है।
निचले इलाकों में पानी भरने के बाद दिल्ली सरकार ने बचाव और राहत अभियान शुरू किया था, वहीं 1978 में यह नदी अब तक के रिकॉर्ड जलस्तर 207.49 तक पहुंच गई थी। इसके बाद 2013 में जलस्तर 207.32 मीटर दर्ज किया गया।
नदी का जलस्तर अभी तक सबसे अधिक 1978 में 207.49 मीटर पर पहुंचा है। 2013 में यह 207.32 मीटर पर पहुंच गया था। दिल्ली के जल मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सोमवार को कहा कि सरकार बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। (भाषा)