नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घनिष्ठ सहयोगी रहे योगेन्द्र यादव ने करारा हमला करते हुए इस फैसले को हैरान, स्तब्ध और शर्मसार करने वाला करार दिया है।
पार्टी ने दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए घोषित उम्मीदवारों में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह, पूर्व कांग्रेस नेता सुशील गुप्ता और चार्टर्ड एकाउंटेंट नारायण दास गुप्ता शामिल हैं।
यादव ने ट्विटर पर केजरीवाल को घेरते हुए कहा, पिछले तीन साल में मैंने न जाने कितने लोगों से कहा कि अरविंद केजरीवाल में और जो भी दोष हों, लेकिन कोई उसे खरीद नहीं सकता। इसीलिए कपिल मिश्रा के आरोप को मैंने खारिज किया, लेकिन आज समझ नहीं पा रहा हूं कि क्या कहूं, हैरान हूं, स्तब्ध हूं और शर्मसार भी।
उन्होंने आगे लिखा, मैं अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी के साथ एक समय जुड़े रहने को लेकर शर्मिन्दा हूं। केजरीवाल के एक अन्य पूर्व घनिष्ठतम सहयोगी और आप पार्टी के संस्थापक सदस्यों में प्रमुख रहे प्रशांत भूषण ने भी राज्यसभा के उम्मीदवारों को लेकर सवाल खड़े किए।
अधिवक्ता भूषण ने लिखा, जिन लोगों को आप ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है उनका जनसेवाओं से कभी कोई सरोकार नहीं रहा है और न ही वह ऊपरी सदन में भेजे जाने के काबिल हैं। कार्यकर्ताओं की आवाज को नजरअंदाज करना उनके साथ वादाखिलाफी है और पार्टी का अब पूरी तरह से पतन हो चुका है।
स्वराज इंडिया के नेता अनुपम स्वराज ने लिखा, इसमें अब मुझे कोई भ्रम नहीं कि आप और उसके सुप्रीमो केजरीवाल जी बिक चुके हैं। जिस पार्टी के लोग इस तरह के फैसले पर भी सवाल न उठाएं और चुपचाप रह जाएं वो लोग जब राजनीति बदलने की बात करें तो हंसी आती है। इनका मकसद नई राजनीति नहीं कुछ और है।
केजरीवाल सरकार में मंत्री रह चुके कपिल मिश्रा ने भी श्री केजरीवाल पर जमकर हमला किया। करावल नगर क्षेत्र से आप पार्टी के विधायक मिश्रा ने कहा, आप ने लीडर और डीलर में एक डील को चुना है। उन्होंने पैसे वालों को टिकट देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब जाहिर हो गया है कि राज्यसभा कैसे जाते हैं। (वार्ता)