लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा यात्रा से जुड़े अंधविश्वास को तोड़ने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 दिसंबर को नई मेट्रो लाइन के उदघाटन के मौके पर योगी मौजूद रहेंगे।
भाजपा प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर 25 दिसंबर को मेट्रो की वायलेट सेवा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री मोदी के साथ उपस्थित रहेंगे। इस समारोह की तैयारियों का जायजा लेने वह 23 दिसंबर को नोएडा जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री जनता के हित में कार्य करने में भरोसा रखते हैं। वह अंधविश्वास में यकीन नहीं करते, जिसकी वजह से पूर्व के मुख्यमंत्री नोएडा जाने से बचते रहे हैं। नोएडा यात्रा के साथ ही योगी इस अंधविश्वास को तोड़ देंगे।
राजनीतिक गलियारों में नोएडा को लेकर अंधविश्वास है कि नोएडा जाने वाला मुख्यमंत्री सत्ता खो देता है। योगी से पहले के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी नोएडा जाने से बचते रहे। वह मई 2013 में नोएडा में हुए एशियाई विकास बैंक के शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे हालांकि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
अखिलेश यादव ने छह लेन के यमुना एक्सप्रेसवे तक एक्सेस सहित 3300 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया था।
अखिलेश से पहले उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और राजनाथ सिंह भी नोएडा जाने से परहेज करते रहे हैं। अंधविश्वास को उस समय बल मिला, जब पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह नोएडा गए और जून 1988 में उनकी कुर्सी चली गई।
बसपा सुप्रीमो मायावती 2007 से 2012 के बीच मुख्यमंत्री रहीं। इसी कार्यकाल में वह नोएडा में राज्य सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुईं। जब बसपा 2012 का विधानसभा चुनाव हारी तो यह अंधविश्वास फिर से सुर्खियां बना। (भाषा)