नई दिल्ली। डॉक्टर से धर्मगुरु बने जाकिर नाईक विवादों में घिर गए हैं। मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाईक को मानने और सुनने वालों की संख्या करोड़ों में है। बांग्लादेश के आतंकियों में से एक ने अपने फेसबुक पेज पर उनसे प्रेरित होने की बात लिखी थी। इसके बाद से वह इसलिए जांच एजेंसियों के रडार पर है।
डॉक्टर जाकिर नाईक ने इस्लाम के प्रचार प्रसार के मकसद से 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी। इस संगठन पर प्रतिबंध की मांग उठने के बाद आज पुलिस फाउंडेशन के लोगों से पूछताछ के लिए वहां पहुंची।
डॉक्टर नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाइंडेशन का कहना है कि उनके बयानों और भाषणों का गलत मतलब निकाला गया। डॉक्टर नाईक खुद फिलहाल सऊदी अरब की यात्रा पर है। बताया जाता है कि वो 11 जुलाई को भारत लौटेंगे और उसके बाद अपने ऊपर उठ रहे सभी सवालों का जवाब देंगे।
2009 में न्यूयॉर्क के सबवे में फिदायीन हमले की साजिश रखने के आरोप में गिरफ्तार नजीबुल्ला जाजी के दोस्तों ने बताया कि वह काफी वक्त तक डॉ. नाईक की तकरीरों को टीवी पर देखता था।
2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपी राहिल शेख भी डॉ. नाईक से प्रभावित था। 2007 में बेंगलुरू का एक शख्स कफील अहमद ग्लासगो एयरपोर्ट को उड़ाने की कोशिश करते हुए घायल हो गया। जांच में पता चला कि जिन लोगों की बातों से वो प्रभावित था उनमें से डॉ. जाकिर नाईक भी एक थे।
यही नहीं, हाल ही में हैदराबाद में गिरफ्तार आईएस के 5 लोगों का सरगना इब्राहीम यजदानी न सिर्फ डॉ जाकिर से प्रभावित था बल्कि 2010 में वो उनके कैंप में शामिल हुआ था। इन खबरों के बाद अब देश में जाकिर नाईक के भाषणों औऱ उनके संगठन के आतंकी कनेक्शन की जांच की मांग शुरू हो गई है। रजा एकेडमी ने केंद्र और राज्य सरकार से जाकिर नाईक और उनके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
इधर जांच एजेंसी एनआईए ने जाकिर के भाषणों की जांच शुरू कर दी है। वहीं रजा फाउंडेशन ने डॉक्टर जाकिर के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। जाने-माने इस्लामिक धर्म गुरु अपने ऐसे ही भाषणों की वजह से मुश्किल में घिरते दिख रहे हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं इस्लाम के नाम पर भाषण देने वाले जाकिर अपने भाषणों के जरिए लोगों को आतंक के रास्ते पर तो नहीं ढकेल रहे हैं।
डॉक्टर जाकिर नाईक देश और दुनिया में अपने करोड़ो अनुयायी होने का दावा करते हैं. लेकिन अब वो चर्चा में इसलिए हैं। क्योंकि उनसे प्रभावित होने वालों में ढाका पर हमला करने वाला एक आतंकी रोहन इम्तियाज भी है।