मंचों से लेकर सोशल मीडिया तक में जहर उगलने वाले यानी हेट स्पीच देने वाले लोगों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बात कही है। दरअसल, कोर्ट ने ऐसे लोगों के बयान को लेकर सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ उनका धर्म देखे बगैर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि नफरत फैलाने वाली बातें बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
बता दें कि देश में आए दिन कोई न कोई नेता हेट स्पीच करता है। यानी ऐसी बातें कही जाती हैं, किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती हैं और देश का माहौल खराब होता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आया यह बयान निश्चित तौर पर कारगर साबित हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर से कहा कि हेट स्पीच पर तत्काल कार्रवाई की जाना चाहिए, इसके साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई के दौरान उनका धर्म भी नहीं देखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हेट स्पीच में दिए जा रहे बयान विचलित करने वाले हैं। ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि 21वीं सदी में ये क्या हो रहा है? धर्म के नाम पर हम कहां पहुंच गए हैं? हमने ईश्वर को कितना छोटा बना दिया है। जबिक भारत का संविधान वैज्ञानिक सोच विकसित करने की बात करता है
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह बात एक याचिका के संदर्भ में कही है। याचिका में कहा गया था कि भारत में मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है और आतंकित करने वाले इस खतरे को रोका जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से इस बारे में जवाब भी मांगा। यह याचिका शाहीन अब्दुल्ला ने कोर्ट में दायर की है। अब्दुल्ला ने अपील की है कि वह केंद्र सरकार को हेट स्पीच मामलों में निष्पक्ष जांच के लिए आदेशित करें।
अब्दुल्ला ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के लोग हेट स्पीच देकर मुस्लिमों को निशाना बना रहे हैं। बता दें कि वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में शाहीन अब्दुल्ला की तरफ से पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जो भी शख्स हेट स्पीच का दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए।
Edited: By Navin Rangiyal