दस दिनों से जारी आस्था और उत्साह का पर्व गणेशोत्सव रविवार को गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ सम्पन्न हो गया। अनंत चतुर्दशी के मौके पर देशभर में श्रद्धालुओं ने धूमधाम से भगवान गणेश को विदा करते हुए उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हुए अगले साल आने का आमंत्रण दिया।
गणेशोत्सव के सबसे बड़े गढ़ महाराष्ट्र में मुंबई समेत कई जगहों पर गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया। श्रद्धालु बड़े-बड़े समूहों में भगवान की विशाल और आकर्षक प्रतिमाओं को लिए विसर्जन स्थलों तक पहुँचे। रविवार होने से उत्सव का उत्साह सभी में देखते ही बनता था। सजे-धजे महिला-पुरुष और बच्चे गालों पर अबीर-गुलाल लगाए हुए गणेश के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा जता रहे थे। मुंबई में कपूर परिवार का विसर्जन समारोह आकर्षण का केंद्र रहा। इसमें ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और रणवीर कपूर शरीक हुए।
शहर की सबसे मशहूर प्रतिमा लालबागचा राजा की यात्रा देखने के लिए हजारों लोग सड़कों पर निकल आए। महानगर के विभिन्न समुद्री तटों पर आज हजारों प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
हैदराबाद में भी गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। हुसैन सागर और शहर के कई अन्य झीलों में कड़ी सुरक्षा के बीच आज प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
दस दिनों तक विनायक चविथी समारोह मनाने के बाद शहर के विभिन्न भागों से हजारों श्रद्धालुओं ने ढोल बजाते और धार्मिक गीत गाते हुए हुसैन सागर झील में गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए जुलूस निकाला।
पुलिस ने बताया कि भगवान विनायक की कम से कम 13 हजार प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया। विसर्जन को स्थानीय लोग 'निमज्जनम' कहते हैं। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने कल उच्च स्तरीय बैठक कर विसर्जन प्रबंधों की समीक्षा की।
महानगर में गणेश पूजा समारोह के 11वें दिन परंपरागत बालापुर गणेश लड्डू की नीलामी पाँच लाख 70 हजार रुपए में हुई, जो पिछले साल के दाम से 92 हजार रुपए ज्यादा है। पिछले साल सूखे फलों और शुद्ध घी से बने 21 किलो लड्डू की नीलामी चार लाख 15 हजार रुपए में हुई थी।
भगवान गणेश की पूजा करने और नीलामी देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गणेश मंडप में आए। बालापुर लड्डू के नीलामी की परंपरा 1994 में शुरू हुई थी। राजस्थान के कोटा में गणेशोत्सव के समापन पर पारम्परिक शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धा और उत्साह से भाग लिया।
मध्यप्रदेश में व्यावसायिक राजधानी इंदौर और अन्य इलाकों में भी गणेशोत्सव की खासी धूम रही। जगह-जगह विसर्जन से पहले गणेश प्रतिमाओं के चल समारोह निकाले गए। इसी के साथ पारंपरिक दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन हो गया। रविवार को अनंत चतुर्दशी के मौके पर ओंकारेश्वर, खलघाट (नर्मदा) और शिप्रा सहित अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं का दिनभर ताँता लगा रहा।
रात को जगमगाया इंदौर : उत्सव के दौरान इंदौर में ज्यादातर कपड़ा मिलों के बंद होने के बाद भी मिल संगठनों ने उतने ही उत्साह के साथ झाँकियाँ बनाईं और परंपरा को जीवंत रखा। अनंत चतुर्दशी की रात रविवार को इंदौर में सारी झाँकियों का कारवाँ रातभर समूचे शहर को आलोकित करता रहा। परंपरा के इस रतजगे को देखने दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग इंदौर पहुँचे।