अयोध्या फैसला, आडवाणी को आश्चर्य
सोमनाथ , शनिवार, 25 सितम्बर 2010 (23:41 IST)
अयोध्या मामले में अंतिम फैसला सुनाए जाने पर अंतरिम रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर आश्चर्य प्रकट करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उम्मीद जताई कि शीर्ष अदालत अगले सप्ताह इलाहाबाद उच्च न्यायायालय को इस दिशा में आगे बढ़ने देगी। उन्होंने लोगों से और भाजपा कार्यकर्ताओं से अदालतों के प्रति सम्मान का भाव रखने और शांति बनाए रखने की अपील भी की।यहाँ प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा-अर्जना के बाद आडवाणी ने कहा कि मैं उच्चतम न्यायालय का फैसला समझ नहीं पाया। बीस साल पहले इसी स्थान से उन्होंने अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली थी। आडवाणी के साथ भाजपा से निष्कासित नेता उमा भारती भी थीं।उन्होंने कहा कि मैं देश की न्यायपालिका का सम्मान करता हूँ। लेकिन जिस समय जनता अयोध्या मामले पर अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है, जिस समय इस मामले के पक्षकार भी फैसला चाहते हैं और जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी फैसला टालने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है तब यह निर्णय उच्चतम न्यायालय से आया है। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से और भाजपा कार्यकर्ताओं से हमारी अदालतों के सम्मान के रूप में कुछ और दिनों तक शांति बनाए रखने की अपील करूँगा।आडवाणी ने कहा कि मैं शीर्ष अदालत से अपील करता हूँ कि चूँकि देशवासी पिछले 50 वर्षों से इस मामले के फैसले का इंतजार कर रहे हैं अतएव उन्हें 28 सितंबर को अंतिम रूप से यह मामला लेना चाहिए और इसे निर्णय सुनाए जाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पास भेजना चाहिए।जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा मंदिर मुद्दे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, आडवाणी ने कहा कि नहीं, मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा। मैं सभी पक्षों और समुदायों से कहना चाहता हूँ कि वे यह देखें कि जनता अयोध्या में राम जन्मस्थान पर मंदिर का निर्माण चाहती है। यदि ऐसा होता है तो हम चाहेंगे कि समाज के सभी वर्ग उसके निर्माण में योगदान दें।उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अयोध्या मामले पर फैसला एक सप्ताह के लिए टाल दिया था और इस मामले में निर्णय स्थगित करने की माँग वाली याचिका पर 28 सितंबर को सुनवाई करने का फैसला किया था। (भाषा)