अरविंद केजरीवाल को मिली राहत
नई दिल्ली , शनिवार, 18 जनवरी 2014 (19:36 IST)
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि के मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी। अक्टूबर 2012 में बिजली दरों में बढ़ोतरी के विरोध में केजरीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ कथित रूप से टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव ने मानहानि की शिकायत दायर की थी।मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय बंसल ने इस मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट की केजरीवाल की अर्जी स्वीकार कर ली। अदालत ने मामले में साक्ष्य दर्ज करने के लिए 5 अप्रैल का समय तय किया है।अदालत ने इससे पहले केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के आरोप तय किए थे और जब उन्होंने मामले में खुद को निर्दोष बताया तो मामले की सुनवाई शुरू की।दीक्षित के राजनीतिक सचिव और विशेष कार्य अधिकारी शिकायतकर्ता पवन खेड़ा ने यह कहते हुए मामला दायर किया था कि केजरीवाल ने एक टेलीविजन कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ ‘गलत और भद्दी’ भाषा का इस्तेमाल किया था।आरोप तय करते हुए अदालत ने कहा कि केजरीवाल ने खेड़ा की मानहानि की और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया।सीएमएम ने कहा था कि इन शब्दों का प्रयोग कर... आपने खेड़ा का अपमान किया, जो दीक्षित के ओएसडी, राजनीतिक सचिव के रूप में काम कर रहे थे। आपने ये शब्द बोले... मंशा नुकसान पहुंचाने की थी, आप जानते थे कि इस तरह के शब्दों से शिकायतकर्ता खेड़ा की छवि को नुकसान होगा और इस तरह आपने शिकायतकर्ता की मानहानि की और इस तरह आपने भादंसं की धारा 500 (मानहानि) के तहत आपने दंडनीय अपराध किया।उन्होंने कहा कि बताइए, अपराध के लिए आपको क्यों नहीं दंडित किया जाए या आपके पास अपने बचाव के लिए कुछ है। खुद को निर्दोष बताते हुए केजरीवाल ने अदालत में कहा था कि खेड़ा प्रभावित व्यक्ति नहीं हैं और उनके खिलाफ शिकायत गलत है। (भाषा)