भारत-अमेरिका परमाणु करार को प्रभावी बनाने के लिए अनिवार्य भारत आधारित सुरक्षा मानक समझौते पर सहमति बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निदेशक मंडल की 28 जुलाई को होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई है, जो कि एक अगस्त को होने की संभावना है।
आईएईए सूत्रों ने बताया कि निदेशक मंडल के 35 सदस्यों के बीच सहमति बनाने के लिए अनौपचारिक बातचीत जारी है औपचारिक बैठक एक अगस्त को होने की संभावना है।
भारत और आईएईए के बीच होने वाले सुरक्षा मानक समझौते को इसके 144 सदस्यों के बीच सात जुलाई को ही वितरित कर दिया गया था। वाम दलों द्वारा इस समझौते के दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं करने के आरोपों के एक दिन बाद ही विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर इसे डाल दिया गया था।
भारत को अंतरराष्ट्रीय परमाणु करार करने से पहले आईएईए समझौता अनिवार्य रूप से करना होगा। इसी के साथ उसे 45 देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह से नियमों में छूट भी हासिल करनी होगी।
जब कोई देश वितरण के लिए मसौदा सुरक्षा मानक समझौता दाखिल करता है तो सामान्य रूप से आईएईए संचालक मंडल की बैठक उसके 45 दिन बाद होती है। भारत ने यह सात जुलाई को जमा किया। बहरहाल भारत के मामले में ऐसा नहीं हो रहा है।
चूँकि आईएईए प्रमुख मोहम्मद अल बरदेई खुद करार का समर्थन कर रहे हैं और चूँकि भारत और अमेरिका दोनों ही जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में द्विपक्षीय करार को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हैं, संचालक मंडल ने इस मामले को अत्यावश्यक रूप में लिया।
आईएईए और एनएसजी से गुजरने के बाद करार को अमेरिकी संसद में स्वीकृति के लिए ले जाया जाएगा।