केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने खुलासा किया है कि बीते रविवार को जामा मस्जिद के बाहर हुई गोलीबारी के वारदात के कुछ घंटों बाद जिस सर्वर से ई-मेल भेजा गया वह नॉर्वे में है।
चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि गोलीबारी के बाद जिस सर्वर से ई-मेल भेजा गया था, वह नॉर्वे में होने का पता चला है।
अमेरिकी न्यूज चैनल ‘सीएनएन’ को दिए गए एक इंटरव्यू में गृहमंत्री ने कहा कि जाँचकर्ताओं ने पाया है कि सिम कार्ड खरीदकर जीपीएस सुविधायुक्त मोबाइन फोन में डाला गया और इसी मोबाइल फोन से वह ई-मेल भेजा गया, जिसमें आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने घटना की जिम्मेदारी लेने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि हमारे पास सुराग हैं, लेकिन हमें उस शख्स को तलाशना है जिसने इसे भेजा। ई-मेल में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे जामा मस्जिद गोलीबारी मामले के तार सीधे तौर पर जुड़ सकें।
चिदंबरम ने जामा मस्जिद गोलीबारी कांड के तार आतंकवादियों से जुड़े होने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ई-मेल को कई दिन पहले ही तैयार कर लिया गया था और इसमें गोलीबारी का कहीं भी सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर विश्वस्त नहीं हैं कि गोलीबारी में शामिल रहे लोगों के तार प्रत्यक्ष रूप से ई-मेल से भी जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि रविवार को मुगलकालीन जामा मस्जिद के सामने दो मोटरसाइकिल सवार अज्ञात लोगों ने विदेशी पर्यटकों के एक समूह पर गोलियाँ चलाई थीं। इस घटना में ताइवान के दो नागरिक घायल हो गए थे। गोलीबारी की घटना के कुछ ही देर बाद वहाँ एक प्रेशर-कूकर में भी धमाका हुआ, जिससे इलाके के लोगों में घबराहट पैदा हो गई।
इन घटनाओं के कुछ देर बाद प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने मीडिया को एक ई-मेल भेजकर दावा किया कि वह घटना की जिम्मेदारी लेता है। संगठन ने ई-मेल में यह धमकी भी दी कि आगामी राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया जाएगा। (भाषा)