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आप-कांग्रेस के गठबंधन पर क्‍या बोले जेटली...

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हमें फॉलो करें आप-कांग्रेस के गठबंधन पर क्‍या बोले जेटली...
नई दिल्ली , शुक्रवार, 3 जनवरी 2014 (22:47 IST)
WD
नई दिल्ली। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के जबर्दस्त प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री के इस पार्टी को खुद को साबित करने के लिए समय और मौका देने संबंधी बयान पर भाजपा ने कहा कि यह संदेह व्यक्त करता है कि दोनों दलों में क्या कुछ चल रहा है।

भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से दिल्ली विधानसभा में ‘आप’ का पक्ष रखा और फिर आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इन्हें और समय देने और समर्थन की बात की, उससे कुछ संदेह पैदा होता है।

उन्होंने कहा, इससे मेरे मन में यह संदेह पैदा होता है कि दोनों दलों में क्या कुछ चल रहा है। जेटली से प्रधानमंत्री द्वारा ‘आप’ को समर्थन देने और मोदी को विनाशकारी बताए जाने के बारे में पूछा गया था।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आप के बारे में कहा कि जनता के फैसले का सम्मान होना चाहिए लेकिन साथ ही कहा कि यह आकलन करना जल्दबाजी होगी कि आप का प्रयोग सफल होगा या नहीं।

सिंह ने आप की सफलता पर एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत की जनता ने दिल्ली में आप में विश्वास व्यक्त किया। मेरा मानना है कि हमें लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि समय ही बताएगा कि ये अनुभव हमारी अर्थव्यवस्था एवं राजतंत्र की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है या नहीं । अभी काफी कम वक्त बीता है एक सप्ताह से कम । उन्हें खुद को साबित करने के लिए समय और मौका देना चाहिए।

मनमोहन के कार्यकाल पर जेटली की टिप्‍पणी...आगे पढ़ें...


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जेटली ने मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री पद पर 10 साल के कार्यकाल को अवसर गंवाने वाला समय करार दिया और कहा कि सिंह ने भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के मोर्चे पर अपनी सरकार की विफलता स्वीकार की, लेकिन कोई उपचार नहीं सुझाया। मुख्य विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने स्वयं को ‘इतिहास की ढाल’ और ‘समय के आवरण’ के पीछे छिपा लिया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि लोकतंत्र में समय नहीं बताता है, मतदाता बताते हैं और अगर मतदाताओं के रुख पर ध्यान दें तब कांग्रेस के लिए बहुत बुरी खबर है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2009 के चुनाव परिणाम को कांग्रेस से भ्रष्टाचार के दाग हटाने के लिए उपयोग किया लेकिन 2013 में विधानसभा चुनावों के परिणामों पर इस तर्क का उपयोग नहीं किया। 2009 के चुनाव परिणाम और 2013 के विधानसभा चुनाव के परिणामों को मापने का प्रधानमंत्री का मापदंड अलग-अलग है।

जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा तर्क दिया है कि चुनाव जीतने से भ्रष्टाचार के आरोप अपने आप में रद्द हो जाते हैं। प्रधानमंत्री का यह तर्क अपराधी भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो चुनाव जीत जाते हैं। वे कह सकते हैं कि अब वे चुनाव जीत गए हैं, इसलिए अपराधी नहीं रह गए।

यह पूछे जाने पर कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री ने यह कहा कि उन्हें इस पर अभी ध्यान देने का समय नहीं मिला, जेटली ने कहा कि वे समझते हैं कि उनका ध्यान का दायरा संकुचित हो गया है।

प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के 5-5 वर्षों के दो कार्यकाल के बारे में जेटली ने कहा, इन 10 वर्षों को कार्यकालों में विभक्त करना ठीक नहीं है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए इतना समय एक युग की तरह होता है। इसमें आप समाज को एक दिशा दे सकते हैं। इस दृष्टि से यह अवसर गंवाने के समान है।

भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु करार को अपनी सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि बताने की प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर तंज कसते हुए भाजपा नेता ने कहा, यह परमाणु समझौता उनके कार्यकाल का सबसे निम्न समय था जब इसी सौदे पर सांसदों को रिश्वत देने का मामला सामने आया था।

गौरतलब है कि अपनी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को तवज्जो नहीं देते हुए मनमोहन सिंह ने आज कहा कि वे ईमानदारी से मानते हैं कि इतिहास उनके प्रति मौजूदा मीडिया के मुकाबले अधिक दयालु होगा।

कमजोर प्रधानमंत्री बताए जाने को लेकर आलोचनाओं का सामना करने वाले सिंह ने कहा कि हालात के अनुसार उनसे जो अच्छा हो सकता था, उन्होंने किया। अब यह तय करना इतिहास का काम है कि उन्होंने क्या किया या क्या नहीं किया? (भाषा)

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