भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु करार पर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह मुख्य विपक्षी दल भाजपा का समर्थन हासिल करने में कामयाब नहीं हो सके। विपक्षी दल ने कहा है कि वह समझौते को उसके मौजूदा स्वरूप में स्वीकार नहीं करेगा।
भाजपा ने यह मत बुधवार को प्रधानमंत्री की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अटलबिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ मुलाकात के दौरान स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री संसद में परमाणु करार पर बहस के दौरान भाजपा का समर्थन जुटाने के उद्देश्य से विपक्षी नेताओं से मिलने पहुँचे थे।
वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने गुरुवार को बताया कि आडवाणी ने सिंह को बताया कि परमाणु करार पर पार्टी की चिंताओं का निराकरण नहीं किया गया है।
सुषमा ने कहा कि विपक्ष के नेता ने सिंह से जानना चाहा कि क्या करार के क्रियान्वयन के बाद भारत परमाणु परीक्षण करने में सक्षम रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं की।
आडवाणी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि करार पर सरकार तब विपक्षी दलों के पास आई है, जब वह गिरने के कगार पर है और इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन करने के लिए अब काफी देर हो चुकी है।