भारत और अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को 'भारी रणनीतिक भूल' करार देते हुए भाजपा ने इस पर फिर से बातचीत की माँग की है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर बुधवार को सुबह यहाँ पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक में परमाणु समझौते के मसले पर विचार विमर्श किया गया। बैठक के बाद आडवाणी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह और राज्यसभा में विपक्ष के नेता जसवंतसिंह ने संयुक्त बयान जारी किया।
वक्तव्य में कहा गया है कि विगत दिनों अमेरिका के पूर्व विदेशमंत्री हेनरी किंसिजर, भारत में अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोडकर ने पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं से भेंट कर परमाणु समझौते के मसले पर बातचीत की।
बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केन्द्र की संप्रग सरकार ने यह समझौता कर भारी रणनीतिक भूल की है और उन्होंने इसे भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों से जोड़ा है, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा कर देश की परमाणु सार्वभौमिकता के साथ समझौता किया है।
प्रसाद ने कहा कि पार्टी भारत-अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने के पक्ष में है, लेकिन परमाणु सार्वभौमिकता पर किसी तरह के समझौता के पक्ष में कतई नही है। उन्होंने कहा कि संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे पर पार्टी ने लोकसभा में नियम 184 के तहत नोटिस दिया है, जिसमें मतदान का प्रावधान है। पार्टी बहस में भाग लेकर परमाणु समझौते के मसले पर अपना पक्ष जोर-शोर से रखेंगी।
बैठक में डॉ. मुरली मनोहर जोशी, एम. वेंकैया नायडू, पूर्व विदेशमंत्री यशवंत सिन्हा, सुषमा स्वराज, विजय कुमार मल्होत्रा, अरुण शौरी, अनंत कुमार, एसएस अहलूवालिया और शिवशंकर प्रसाद ने भाग लिया।