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'एटमी करार से ऊर्जा सुरक्षा सुदृढ़ होगी'

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हमें फॉलो करें एटमी करार भारत अमेरिका प्रणव मुखर्जी
नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 6 नवंबर 2007 (21:17 IST)
विदेशमंत्री प्रणव मुखर्जी ने विवादों से घिरे भारत-अमेरिकी परमाणु समझौते के क्रियान्वयन की उम्मीद बनाए रखते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसा हो जाने पर भारत की ऊर्जा सुरक्षा मबूत होगी।

मुखर्जी ने भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन के उद्‍घाटन भाषण में कहा कि हम अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु सहयोग की संभावनाएँ तलाश रहे हैं। ऐसा होने पर परमाणु ऊर्जा के विस्तार की अपार संभावनाएँ खुल जाएँगी, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।

उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बढ़ रहे गैर परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएँ खोज रहा है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के व्यापक हाइड्रोकार्बन संसाधनों का भारत स्वाभाविक बाजार है।

उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग को व्यापक विस्तार देने का इच्छुक है और यह दोनों के लिए फायदेमंद होगा।

विदेशमंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियों द्वारा लीबिया सूडान, नाइजीरिया, मिस्र और गैबून में निवेश करने से अफ्रीकी देशों के साथ हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएँ बढ़ी हैं।

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