कश्मीर को 100 करोड़ की मदद
वार्ता के लिए गठित होगा समूह-चिदंबरम
केंद्र सरकार ने तय किया है कि जम्मू-कश्मीर में सभी वर्गों से बातचीत करने के लिए वार्ताकारों के एक समूह का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता कोई प्रख्यात हस्ती करेगा। साथ ही 100 करोड़ रुपए की सहायता राशि भी दी जाएगी।
केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने सुरक्षा मामलों के मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कश्मीर पर लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्कूल और कॉलेज जल्द से जल्द खुलवाने की कोशिश की जाएगी और उनके लिए 100 करोड़ रुपए की सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।
चिदंबरम ने कहा कि 11 जून 2010 के बाद राज्य में हिंसा और अशांति के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख रुपए की अनुदान राशि देने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र की ओर से यह सुझाव भी दिया जाएगा कि पथराव की घटना में गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए और राज्य सरकार से यह भी कहा जाएगा कि वह सुरक्षा बलों की फिर से तैनाती पर विचार करने के लिए एकीकृत कमान की बैठक तुरंत बुलाए। साथ ही श्रीनगर में बंकरों की संख्या कम की जाएगी। इसके अलावा विकास के मुद्दों पर विचार के लिए दो टास्क फोर्स बनाए जाएँगे, जो राज्य की जनता की जरूरतों की समीक्षा करेगी।
पीडीपी ने किया स्वागत : विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कश्मीर घाटी के लिए चिदंबरम की घोषणाओं को एक अच्छी शुरुआत बताया, लेकिन कहा कि लोगों का भरोसा दोबारा हासिल करने के लिए और भी कदम उठने की जरूरत है।
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने बताया कि निश्चित रूप से यह एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन लोगों का भरोसा दोबारा हासिल करने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम ने जो घोषणाएँ की हैं, उनसे विश्वास बहाली के और उपायों का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए जिससे वर्ष 2003 की शांति प्रक्रिया में दोबारा जान आ सके।
पृथकतावादी गुटों की चुप्पी : घाटी की मौजूदा अशांति दूर करने के लिए केन्द्र के आठ सूत्री फार्मूले पर कश्मीर के पृथकतावादी समूह चुप्पी साधे रहे। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि नए घटनाक्रम पर विचार विमर्श के लिए वे संगठन की कार्यकारी समिति और जनरल काउंसिल की बैठक बुलाएँगे।
मलिक ने कहा कि विचार विमर्श के बाद ही हम केंद्र सरकार की घोषणाओं पर टिप्पणी करेंगे। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी से इस बारे में टिप्पणी के लिए सम्पर्क नहीं हो सका। संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि परामर्शदात्री समिति मजलिस-ए-शूरा में इन उपायों पर विचार विमर्श किया जाएगा। प्रवक्ता अयाज अकबर ने कहा कि गिलानी इस बारे में सम्मेलन बुला सकते हैं।
दूसरी ओर मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाले उदारवादी धड़े के सूत्रों ने बताया कि केंद्र की पहल पर संगठन के नेता विचार कर रहे हैं। (भाषा)