गठबंधन की राजनीति पर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के विचार का बचाव करते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार का प्रमुख होने के नाते प्रधानमंत्री के लिए राष्ट्रीय एजेंडे को आगे बढ़ाने में गठजोड़ की राजनीति की सीमाओं के बारे में देश को बताना जरूरी है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री को लोगों को बताना होगा कि राष्ट्रीय एजेंडे को आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है। जनता को हमारी सीमाओं और मजबूरियों को समझना होगा।
मोइली ने कहा कि प्रधानमंत्री के विचार को उनकी व्यथा की अभिव्यक्ति नहीं समझा जाना चाहिए। वे आदर्शों की बात कर रहे थे। इसका यह मतलब नहीं कि व्यावहारिक बातों पर विचार नहीं किया गया है।
मोइली ने प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करते हुए कहा कि कम से कम संप्रग गठबंधन को ही बहुमत मिल गया होता तो हम काफी आगे गए होते।
वामपंथी दलों का नाम लिए बगैर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन की सीमाओं के कारण हम कुछ एजेंडा हासिल नहीं कर सके।
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वयोवृद्ध नेता के करुणाकरण की कांग्रेस में वापसी पर मोइली ने कहा कि करुणाकरण को इस बारे में पहले खुद निर्णय लेना होगा। इसके बाद ही पार्टी अगला कदम उठाएगी।