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केदारनाथ मंदिर में पूजा को लेकर विवाद

- महेश पाण्डे (देहरादून से)

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देहरादून , बुधवार, 26 जून 2013 (16:29 IST)
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देहरादून। तबाही की जद में आए केदारनाथ मंदिर की पूजा को लेकर विवाद शुरू हो गया है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने इस मंदिर में पूजा अर्चना को लेकर केदार के रावल भीमाषंकर राव लिंगम के सोमवार से केदारनाथ की ऊखीमठ में शुरू पूजा पर आपत्ति प्रकट कर कहा कि वे केदार मंदिर की पूजा के हकदार नहीं हैं।

रावल ने पिछले दिनों केदारशिला को केदारनाथ से ऊखीमठ लाकर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन पूजास्थल में इसकी पूजा अर्चना शुरू कराने का मन व्यक्त किया था। सन्नाटे में पसरे केदारनाथ को लेकर अब संत समाज एवं धर्मावलम्बियों के बीच विवाद शुरू हो गया है।

स्वामी स्वरूपानंद ने मंदिर की पूजा अर्चना केदारनाथ में ही जारी रखने की मांग केन्द्रीय गृहमंत्री से की थी। स्वामी स्वरूपानंद की मांग थी कि मंदिर में आए सिल्ट की सफाई कर वहां शुद्धिकरण कर पूजा तत्काल शुरू कराई जाए। इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा एवं केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी हरिद्वार जाकर स्वामी स्वरूपानंद से उनके कनखल अवस्थित आश्रम में उनसे बातचीत कर उन्हें उनकी मांगों के बावत आश्वासन दिया था।

अगले पन्ने पर, क्या बोले मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं विधायक...


उधर बद्री-केदार मंदिर समिति के भी अधिसंख्य लोग केदारनाथ में ही इस पूजा को जारी रखने की बात कह रहे हैं। बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं विधायक गणेश गोदियाल ने सोमवार-मंगलवार को वहां जाकर दो स्थानीय लोगों को मंदिर में दिया जलाने को कहा था।

लेकिन केदारनाथ के रावल एवं ऊखीमठ में रहने वाले भीमाराव लिंगम ने मंदिर एवं उसके आसपास शवों के होने से वहां मृत्युशूतक के कारण ऊखीमठ में ही केदारनाथ की पूजा सोमवार से वहीं शुरू कर दी है। इससे संत समाज एवं रावल के समर्थकों के बीच विवाद तेज होता जा रहा है।

देवों के देव महादेव की पूजा को लेकर यह विवाद फिलहाल थमता नहीं दीखता। स्वामी स्वरूपानंद के अनुसार भगवान केदारनाथ के पट खुलने के बाद किसी तरह की परिस्थिति क्यों न हो वहां से पूजा बंद नहीं देनी चाहिए थी।


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