कोपेनहेगन सम्मेलन से अधिक अपेक्षा न करें-रमेश
नई दिल्ली , गुरुवार, 19 नवंबर 2009 (20:20 IST)
जलवायु परिवर्तन पर होने वाले कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन से भारतीयों को बहुत उम्मीद न रखने की बात करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि सरकार स्वयं को किसी भी वैश्विक समझौते की बाध्यताओं से दूर करते हुए और घरेलू मोर्चे पर उत्सर्जन की कटौती के लिए कठोर उपाय कर ‘दो आयामी’ रास्ते पर चलेगी।संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या रिपोर्ट को जारी करते हुए रमेश ने कहा कि कोपनहेगन सम्मेलन से आपको अधिक अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। ऐसा लगता है कि सौदेबाजी आगे भी जारी रहेगी। रमेश ने कहा कि ऐसा लगता है कि किसी अंतरराष्ट्रीय समझौते पर पहुंचने से पहले लंबा समय लगेगा।उन्होंने कहा कि हालाँकि जलवायु परिवर्तन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन देश को अपने विकास के परिदृश्य के अनुरूप चलना होगा।पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि इस बात के कई साक्ष्य हैं कि जलवायु परिवर्तन किसी भी प्रकार से जनसंख्या बढ़ोतरी से नहीं जुड़ा है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला जीवनशैली का अधिक है।रमेश ने कहा कि यह साफ है कि चीन की जनसंख्या वृद्धि में 1990 के दशक में नकारात्मक रुझान देखे गए लेकिन उसके उत्सर्जन में बढ़ोतरी होती रही।उन्होंने कहा कि उपभोग के तरीके से उत्सर्जन बढ़ता है। ऐसा कोई ठोस कानून नहीं है, जिससे यह प्रमाण मिले की बढ़ती जनसंख्या से उत्सर्जन का जोखिम बढ़ता है। (भाषा)