खत्म नहीं हुई C-SAT, छात्र भी अड़े... (लाइव)
, मंगलवार, 5 अगस्त 2014 (15:34 IST)
नई दिल्ली। UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (C-SAT) को खत्म नहीं करने और अंग्रेजी के अंक मेरिट या ग्रेडेशन में नहीं जुड़ने के फैसले के बाद भी छात्रों की नाराजगी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। छात्रों ने C-SAT खत्म नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। मामले से जुड़ी हर जानकारी...
* C-SAT मुद्दे पर कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही साढ़े बारह बजे तक के लिए स्थगित।* जंतर-मंतर पर छात्रों का प्रदर्शन भी जारी। * हंगामें के कारण राज्यसभा 12 बजे तक स्थगित। * मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि समस्या के समाधान का प्रयास कर रहे हैं। * नकवी ने कहा कि हम भारतीय भाषाओं का सम्मान कर रहे हैं। * C-SAT समस्या पिछली सरकार की उपज है जिसका समाधान करने का हम प्रयास कर रहे हैं। * शरद यादव ने कहा, हम C-SAT में अंग्रेजी के खिलाफ नहीं। अनुवाद वाले हिस्से पर हमारा विरोध। * बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि C-SAT के मुद्दे पर शीघ्र चर्चा कर इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए।* सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि अंग्रेजी की अनिवार्यता हटा कर क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व दिया जाना चाहिए।* तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यूपीएससी की सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में जिस तरह भाषा का विकल्प होता है, उसी तरह प्रारंभिक परीक्षा में भी विकल्प होना चाहिए।* द्रमुक की कनिमोई ने कहा कि कई छात्र हिन्दी न तो बोल पाते हैं और न ही समझ पाते हैं। इसे देखते हुए प्रारंभिक परीक्षा में दूसरी भारतीय भाषाओं को शामिल किया जाना चाहिए।* कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि C-SAT के मुद्दे पर सोमवार को सदन में कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री जितेन्द्र सिंह ने भाषा को तटस्थ बताया था। मंत्री ने जो कहा, वह समझ से परे है।* उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे छात्रों को बुला कर बातचीत करे और उनकी समस्या को उनके नजरिये से भी समझे।* भाकपा के डी राजा ने कहा 'ऐसा नहीं है कि आंदोलन केवल दिल्ली में ही हो रहा है। चेन्नई से लेकर कई जगहों पर छात्र इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं।' राजा ने मांग की कि परीक्षा में सभी 22 भाषाओं को स्थान दिया जाना चाहिए।* कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद ने कहा कि वह कर्नाटक के जिस हिस्से से आते हैं, वहां तुलू भाषा बोली जाती है। तटीय हिस्से के तुलू भाषियों को यूपीएससी के लिए पहले राज्य की भाषा सीखनी होती है। अगर भाषा तटस्थ होगी तो उन 30 लाख लोगों का क्या होगा जिन्हें पहले राज्य की भाषा सीखनी होती है। उन्होंने यथा स्थिति बनाए रखने की मांग की।* कांग्रेस के जेसुदासु सीलम ने कहा कि अंग्रेजी हटाने से सभी गैर हिन्दी भाषी राज्यों के छात्रों को नुकसान होगा। सीलम की बात सुनने के बाद सभापति ने उनसे बैठने को कहा। लेकिन सीलम बोलते रहे जिस पर सभापति ने नाराजगी जाहिर की।* बाद में जब हरिप्रसाद सहित कुछ कांग्रेस सदस्यों के साथ सीलम अपने स्थान से आगे आए तब भी सभापति ने नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें कहा 'आप यहां से बात नहीं कर सकते।' अंसारी के ऐसा कहने पर सीलम और हरिप्रसाद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें ऐसा कैसे कहा जा सकता है।* अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा के बाद ही छात्र मुख्य परीक्षा में बैठते हैं। इसलिए प्रारंभिक भाषा में सभी भारतीय भाषाओं को शामिल किया जाना चाहिए।* उन्होंने कहा कि वह हिन्दी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन गैर हिन्दी भाषी छात्रों की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।* माकपा के पी राजीव, बीजद के कल्पतरू दास और कांग्रेस के एम एस गिल ने भी प्रारंभिक भाषा के सवाल दूसरी सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जाने की मांग की।* UPSC पर राज्यसभा में हंगामा। * सपा ने दिया राज्यसभा में C-SAT पर चर्चा का नोटिस * यूपीएससी पर राहुल गांधी बोले, C-SAT पर छात्रों को दी राय। * विपक्ष भी सरकार के फैसले से खुश नहीं, संसद में हंगामें के आसार। * प्रदर्शनकारी छात्र सरकार के इस कदम से नाखुश हैं और वे C-SAT पूरी तरह खत्म करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। * छात्रों ने अंग्रेजी प्रश्न-पत्र को पूरी तरह हटाए जाने तक अपनी लड़ाई जारी रखने का फैसला लिया है।* पिछले कई दिनों से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों ने अब जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है।* प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे एक परीक्षार्थी ने कहा, C-SAT को लेकर कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान से हम बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं। हम C-SAT को पूरी तरह खत्म करने की मांग करते हैं। * उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में ऐलान किया कि प्रारंभिक परीक्षा के C-SAT प्रश्न-पत्र में अंग्रेजी के सवालों के अंकों को ग्रेडेशन या मेरिट में शामिल नहीं किया जाएगा।* सरकार ने यह घोषणा भी की कि 2011 की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को 2015 की परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा। सीसैट 2011 से ही लागू हुआ था। * छात्रों की दलील है कि C-SAT के जरिए अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के साथ-साथ उन्हें तवज्जो दी जा रही है जो विज्ञान, इंजीनियरिंग या प्रबंधन पृष्ठभूमि के परीक्षार्थी हैं।