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गठबंधन टूटने के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार-करात

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हमें फॉलो करें माकपा प्रकाश करात परमाणु करार
कोलकाता (भाषा) , मंगलवार, 15 जुलाई 2008 (20:01 IST)
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने संप्रग-वाम गठबंधन के टूटने के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

माकपा के मुखपत्र 'गणशक्ति' में प्रकाशित लेख में करात ने कहा कि प्रधानमंत्री और कांग्रेस उस व्यवस्था (संप्रग-वाम गठबंधन) के टूटने के लिए जिम्मेदार हैं जिसके जरिए केंद्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार की स्थापना की गई थी। इसकी वजह परमाणु करार को आगे बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि वाम दलों ने संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लिया है क्योंकि वाम दल इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर कभी समझौता नहीं कर सकते जिसमें अमेरिकी साम्राज्यवाद की इतनी स्पष्ट भागीदारी है। करात ने कहा कि परमाणु करार मुद्दे पर वाम दलों का विरोध और इस मुद्दे पर भाजपा का विरोध समान नहीं है।

उन्होंने कहा कि परमाणु करार पर भाजपा का विरोध सिर्फ एक पहलू तक सीमित है कि परमाणु हथियार हासिल करने की भारत की क्षमता से समझौता हो जाएगा। करात ने कहा भाजपा ने परमाणु करार की अन्य शर्तों को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा भाजपा अमेरिका के साथ सामरिक समझौते और विदेश नीति के मामले में उस देश के साथ गठजोड़ करने के खिलाफ नहीं है।

उन्होंने कहा कि माकपा इस परमाणु करार का इसलिए विरोध कर रही है क्योंकि पार्टी मानती है कि यह कदम भारत को अमेरिका के साथ सामरिक संबंधों में बाँधने की साजिश के तहत है। करात ने कहा इस भागीदारी के राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक प्रभाव है।

करात ने कहा कि अपनी अमेरिका समर्थक नीति के कारण भाजपा परमाणु करार और सामरिक भागीदारी का दृढ़ता से विरोध नहीं कर सकी।

उन्होंने कहा कि इसलिए विगत तीन वर्षों में माकपा और अन्य वाम दल खुद को राष्ट्रीय संप्रभुता और स्वतंत्र विदेश नीति के दृढ़ वक्ता के तौर पर स्थापित कर सके। करात ने कहा कि संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने का यह मतलब नहीं है कि वाम दल भाजपा और सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने में कोई नरमी बरतेंगे।

करात का यह बयान माकपा नेता और पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री सुभाष चक्रवर्ती के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी महासचिव ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जिसकी वजह से वाम दलों को कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ सांप्रदायिक भाजपा के साथ मिलकर मतदान करना पड़ेगा।

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