वामदल संसद के शीतकालीन सत्र में 'तहलका' द्वारा उजागर किए गए गुजरात के दंगों के मामले को जोर-शोर से उठाएँगे।
माकपा और भाकपा के नेताओं ने बुधवार को बताया कि उन्होंने दंगे के पीछे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य सरकार के हाथ होने को उजागर करने वाली तहलका की रिपोर्ट को देखते हुए इस मामले पर लोकसभा में चर्चा कराने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को नोटिस दिए हैं।
इन नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी ने परमाणु करार, महँगाई, रिटेल में विदेशी पूँजी निवेश और सेज मामले पर चर्चा कराने के लिए भी नोटिस दिए हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए संसद का शीतकालीन सत्र इस बार कुछ पहले हो रहा है। लोकसभा में माकपा संसदीय दल के नेता वासुदेव आचार्य ने कहा कि वामपंथी दल शीतकालीन सत्र के पहले दिन गुजरात का मामला शीतकालीन सत्र के पहले दिन उठाना चाहेंगे।
आचार्य ने कहा कि उन्होंने परमाणु करार पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने का नोटिस दिया है। इस नियम में मतदान की व्यवस्था नही हैं। उन्होंने कहा कि मानसूत्र सत्र के दौरान भाजपा ने नियम 184 के तहत चर्चा कराने की माँग की थी, जिसे लोकसभा अध्यक्ष पहले ही खारिज कर चुके हैं।
लोकसभा में भाकपा संसदीय दल के उपनेता सीके चंद्रप्पन ने कहा कि हमने गुजरात के दंगों के अलावा महँगाई, रिटेल सेक्टर में विदेशी पूँजी निवेश आदि का भी मसला उठाएँगे।