Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

घरेलू हिंसा से लगती है तंबाकू की लत

हमें फॉलो करें घरेलू हिंसा से लगती है तंबाकू की लत
न्यूयॉर्क (भाषा) , शनिवार, 22 दिसंबर 2007 (11:28 IST)
घरेलू हिंसा से त्रस्त परिवार के लोग तनाव घटाने के लिए अकसर तंबाकू का सेवन करते हैं। इससे उनमें कैंसर जैसे घातक रोगों की संभावना बढ़ जाती है।

हॉवर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा भारत में वृहद आबादी पर किए एक सर्वेक्षण को आधार बनाकर किए गए एक शोध के मुताबिक घरेलू हिंसा के शिकार घरों में धूम्रपान को तनाव घटाने वाले कारक के रूप में लिया जाता है।

अध्ययन के मुताबिक भारत में लोग अपना तनाव दूर करने के लिए तंबाकू चबाते हैं और धूम्रपान करते हैं। इसके परिणामस्वरूप भारत में प्रतिवर्ष लाखों लोग जीवन से हाथ धो बैठते हैं।

यह अध्ययन 11 दिसंबर के टोबैको कंट्रोल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में इस ओर ध्यान खींचा गया है कि भारत में करीब 29 फीसदी पुरुष धूम्रपान करते हैं। वहीं लगभग तीन प्रतिशत महिलाएँ धूम्रपान की आदी हैं। इसी तरह 29 फीसदी पुरुष और 12 फीसदी महिलाएँ तंबाकू चबाती हैं।

हालाँकि महिलाओं में तंबाकू सेवन की दर पुरुषों के मुकाबले कम है, लेकिन आरंभिक संकेत बताते हैं कि महिलाओं में भी अब तंबाकू सेवन की प्रवृत्ति बढ़ रही है।

अब जबकि तंबाकू के कारण होने वाले तमाम रोगों की पहचान की जा चुकी है इस दिशा में भी कुछ अध्ययन किए जा रहे हैं कि तनाव और भारतीयों में तंबाकू के सेवन में अधिक प्रवृत्ति में कोई संबंध है।

अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि भारत में तंबाकू के सेवन के लिए जिम्मेदार तनावों में से एक अहम कारण घरेलू हिंसा है। घरेलू हिंसा भारत की एक प्रमुख समस्या है। अध्ययन के मुताबिक 40 फीसदी महिलाएं शादी के बाद घरेलू हिंसा से प्रताड़ित होती हैं।

इसी तरह के कुछ लघु स्तर के शोध अमेरिका में भी हुए हैं, जिनमें घरेलू हिंसा और धूम्रपान की दर में करीबी संबंध पाया गया था।

भारत में घरेलू हिंसा और धूम्रपान में संबंध जानने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आँकड़ों का सहारा लिया। यह सर्वेक्षण भारत में वर्ष 1998-1999 के दौरान किया गया था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi