छठ पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने शुक्रवार शाम को यहाँ विभिन्न स्थानों पर सूर्यास्त के दौरान भगवान सूर्य नारायण को घर में निर्मित मिठाइयाँ और फलों का अर्घ्य अर्पित कर पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर महिलाओं ने भक्ति गीत गाए और सूर्य भगवान की उपासना कर अपने घर-परिवार के सदस्यों की खुशहाली, समृद्धि स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना की।
छठ पर भगवान सूर्य को दीपावली के छठे दिन अर्घ्य अर्पित किया जाता है, जिसे छठ पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए जाने के साथ ही समाप्त हो जाएगा। अघ्य अर्पण के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया जाता है।
शायद यह दुनिया का पहला पर्व है, जिसे संयमित और शुद्धभाव से सूर्यास्त के समय पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा के अंतिम दिन सूर्योदय से पहले नदी तट पर सूर्य उपासना की जाती है। दीपावली के चौथे दिन श्रद्धालु यहाँ यमुना में डुबकी लगाकर व्रत रखते हैं। पाँचवें दिन खीर का प्रसाद बनाया जाता है और आखिरी दिन सूर्योदय के साथ पूजा-अर्चना होती है।