आज से 15 साल पहले तक भारत में आम आदमी 55 साल की उम्र में अपने घर का सपना पूरा करता था, परंतु घर बनाने की सुविधाओं और समृद्धि ने यह उम्र घटा दी है। भारतीय समाज के लिए यह खुशखबरी हो सकती है कि भारत में घर मालिकों की औसत आयु 55 साल से घटते हुए 30 तक आ पहुँची है।
एसोचैम ने हाल ही में इस तरह का एक विश्लेषण कराया। इसमें यह बात सामने आई कि पिछले 15 से 20 साल में समाज में काफी बदलाव आया है। पहले 55 से 58 साल की उम्र में लोग घर का सपना पूरा कर पाते थे, अब 30 साल की उम्र में ही करने लगे हैं।
इसके अलावा इस तरह के ट्रेंड को जो कारक और मजबूत बनाते हैं, उनमें ऊँचा किराया, लंबे समय तक न चलने वाले लीज अनुबंध। तेजी से बढ़ती आय और आसान ऋण ने इसको और तेजी दी है। एसोचैम के अध्यक्ष श्री वेणुगोपाल धूत कहते हैं- 20 बरस पहले तक कामकाजी लोग या मध्यमवर्गीय लोग कभी संपत्ति खरीदने की सोच भी नहीं सकते थे।
वे अपने दिमाग में केवल यही बात रखते थे कि नौकरी से सेवानिवृत्ति के बाद वे अपने पैतृक आवास में चले जाएँगे, परंतु इस प्रवृत्ति में पिछले कुछ दिनों में तेजी से बदलाव आया है। अब लौटकर घर बहुत कम लोग जा पाते हैं। श्री धूत कहते हैं कि अब युवा चाहते हैं कि किराया भरने की बजाय किस्त भरते हुए अपना खुद का घर बनाया जाए।-नईदुनिया