क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर तथा सौरव गांगुली के कथित अपहरण की साजिश संबंधी मामले की सुनवाई शुक्रवार को महत्वपूर्ण चरण में पहुँच जाएगी। अभियोजन पक्ष कल मामले में यहाँ अदालत में हिजबुल मुजाहिदीन के छह कथित आतंकवादियों के खिलाफ अंतिम जिरह करेगा।
इन आतंकवादियों को क्रिकेटरों के अपहरण की साजिश रचने के आरोप में वर्ष 2002 में गिरफ्तार किया गया था। ये आतंकवादी कथित तौर पर जेल में बंद हिजबुल के सदस्यों की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहते थे।
छह साल पुराने इस मामले में अंतिम सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पिंकी की अदालत में होगी, जिन्हें हाल ही में विशेष श्रेणी के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करने की मंजूरी उपराज्यपाल कार्यालय से मिली है। यह मामला पोटा के कड़े प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था।
इससे पूर्व सरकारी वकील ने पिछले वर्ष एक अगस्त को मामले में अंतिम जिरह की शुरुआत की थी। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि प्रसिद्ध क्रिकेटरों का अपहरण कर अपने जेल में बंद दो साथियों की रिहाई कराने की योजना बनाने वाले कथित हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों की काफी व्यापक योजना थी। वे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी खत्म करना चाहते थे, जो उस समय रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार थे।