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नौ वैज्ञानिकों को भटनागर पुरस्कार

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नई दिल्ली , रविवार, 26 सितम्बर 2010 (23:28 IST)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए नौ वैज्ञानिकों को 2010 के शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के लिए चुना गया, जिसमें से पहली बार तीन महिलाएँ हैं।

पुरस्कार की घोषणा रविवार को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के स्थापना दिवस समारोह के दौरान की गई। सीएसआईआर ने यह भी कहा कि ग्रामीण विकास के क्षेत्र के लिए एस एंड टी नवोन्मेष के लिए 2009 का पुरस्कार इंडियन ऑइल कारपोरेशन लिमिटेड के फरीदाबाद स्थित अनुसंधान एवं विकास केंद्र को दिया जाएगा।

सीएसआईआर के महानिदेशक समीर ब्रह्मचारी ने कहा कि पहली बार नौ पुरस्कार विजेताओं में से तीन महिलाएँ हैं। पुरस्कार के तहत पाँछ लाख रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और पट्टिका प्रदान की जाएगी। पुरस्कार इस वर्ष बाद में प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किए जाएँगे।

पुरस्कार के लिए चयनित वैज्ञानिकों में जैविक विज्ञान क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र पुणे के संजीव गलांडे और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुम्बई के शुभा तोले हैं। अन्य वैज्ञानिकों में जवाहर लाल नेहरू एडवांस साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलूर के स्वप्न के. पाती, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के संदीप वर्मा, इंडीयन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलूर केजीके अनंत सुरेश, भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता के संघमित्रा बंदोपाध्याय शामिल है।

पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोगों में इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटेड बायोलॉजी दिल्ली की मिताली मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च बेंगलूर के उमेश बासुदेव बाघमरे और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुम्बई के कालोबरन मैतेई शामिल हैं।

इस वर्ष पृथ्वी, वायुमंडल, सागरीय एवं खगोल विज्ञान तथा गणितीय विज्ञान के क्षेत्र में कोई पुरस्कार नहीं दिए गए। अपने संबोधन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शोध के क्षेत्र में भारत का वित्त पोषण जीडीपी का केवल एक प्रतिशत है और इसे बढ़ाया जा रहा है।

इंजीनियरिंग शोध के क्षेत्र में सीएसआईआर की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उस दिन की प्रतिक्षा कर रहा हूँ जब सीएसआईआर अपनी उद्यमिता आधारित प्रयोगशाला स्थापित करेगी। उन्होंने सीएसआईआर के दृष्टिपत्र-2022 की काफी सराहना की जिससे संस्थान को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। (भाषा)

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